मुख्यमंत्री गहलोत ने वीडियो कांफ्रेस के जरिये एसीबी के अधिकारियों से वार्ता कर की समीक्षा | New India Times

अशफाक कायमखानी, ब्यूरो चीफ, जयपुर (राजस्थान), NIT:

मुख्यमंत्री गहलोत ने वीडियो कांफ्रेस के जरिये एसीबी के अधिकारियों से वार्ता कर की समीक्षा | New India Times

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एसीबी के कामकाज की समीक्षा करते हुये कहा की संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन हमारी सरकार का मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को देखते हुए एसीबी की महत्वपूर्ण भूमिका बताया। एसीबी को स्टाफ एवं तकनीकी संसाधनों से सुदृढ़ बनाने के साथ ही पर्याप्त बजट आवंटित किया गया है, ताकि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस की राज्य सरकार की नीति को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने में एसीबी और मजबूती से काम कर सके।
मुख्यमंत्री ने एसीबी को भ्रष्टाचार के मामलों में प्रो-एक्टिव होकर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 में करीब 90 प्रतिशत मामलों में अभियोजन स्वीकृति दी गई है, जो भ्रष्टाचार के विरूद्ध हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। निर्देश दिए कि जो मामले किन्हीं कारणों से लंबित हैं उनमें प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लेकर अभियोजन स्वीकृति में देरी नहीं की जाए।
गहलोत ने आगे कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार की जीरो टोलरेंस की नीति का ही परिणाम है कि एसीबी ने वर्ष 2021 में ट्रेप की 430 कार्यवाही कर भ्रष्ट कार्मिकों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा, जो ब्यूरो की स्थापना के बाद किसी वर्ष में सर्वाधिक हैं। एसीबी ने पिछले वर्ष भारत सरकार के 32 अधिकारी भी रिश्वत के मामलों में गिरफ्तार किए और 575 अभियोगों का निस्तारण किया, जो एक उपलब्धि है।
वर्ष-2021 में कुल 587 मामलों में अभियोजन स्वीकृति के निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिये गए, जो अब तक के सर्वाधिक हैं। गरीब परिवादियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने एक करोड़ रूपए के रिवॉल्विंग फण्ड की स्थापना की है। एसीबी की कार्य क्षमता में वृद्धि एवं अनुसंधान की गति बढ़ाने के उद्देश्य से एसीबी में सभी रैंक में 239 अधिकारी-कर्मचारी लगाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने एसीबी की पिछली समीक्षा बैठक में दिये गए निर्देशों की पालना जल्द से जल्द सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही, भ्रष्ट कार्मिकों एवं संगठित भ्रष्टाचार के खिलाफ भी प्रभावी एक्शन लेने के निर्देश दिए।एसीबी द्वारा ’सजग ग्राम योजना’ के नवाचार अच्छी पहल है। ग्रामीण क्षेत्र में भ्रष्टाचार पर अंकुश एवं सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं में छीजत रोकने के लिए यह प्रभावी माध्यम बन सकता है। एसीबी अधिकारियों से कहा कि वे इस योजना में चयनित 51 गांवों तक ही सीमित न रहें। अन्य गांवों में भी बिना पूर्व सूचना के अचानक जाएं और वहां लोगों से बातचीत कर उन्हें अपने जायज कार्यों के लिए किसी तरह की रिश्वत नहीं देने के लिए जागरूक करें। इससे एसीबी अधिकारियों को रिश्वतखोर अधिकारियों-कर्मचारियों के बारे में जानकारी मिलेगी और रिश्वत लेने वाले अधिकारियों-कार्मिकों में भय पैदा होगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत के लिए एसीबी हैल्पलाइन 1064 एवं एसीबी द्वारा सोशल मीडिया पर जागरूकता कैंपेन चलाने से आमजन में भ्रष्ट लोगों की शिकायत करने के बारे में जागरूकता बढ़ी है। 1064 पर मिली सूचना के आधार पर एसीबी को भ्रष्ट लोगों को ट्रेप करने में भी सफलताएं मिली हैं। आमतौर पर भ्रष्टाचार की शिकायतें नहीं करने वाले लोग अब आगे आकर भ्रष्ट लोगों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। एसीबी की हैल्पलाइन 1064 एवं व्हॉट्स एप नंबर के अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। साथ ही निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में इस हैल्पलाइन की जानकारी देने वाले पोस्टर चस्पा किए जाएं। विभिन्न माध्यमों से भी अधिक से अधिक लोगों में एसीबी हैल्पलाइन नंबर एवं रिश्वत मांगने वाले की शिकायत करने के संबंध में जागरूकता पैदा की जाए। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को उचित संरक्षण दिया जाए ताकि भविष्य में उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
समीक्षा बैठक में एसीबी अधिकारियों से बात की, उनके अनुभव पूछे एवं विभाग की बेहतरी के संबंध में सुझाव भी सुने। एसीबी हैल्पलाइन पर मिलने वाली संगठित भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
एसीबी के महानिदेशक बीएल सोनी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2021 में भ्रष्टाचार के 90 प्रतिशत मामलों में अभियोजन स्वीकृति दी है, इससे राज्य सरकार की जीरो टोलरेंस अगेन्स्ट करप्शन नीति को मजबूती मिली है। उन्होंने बताया कि संगठित भ्रष्टाचार के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही के साथ त्वरित अनुसंधान पर फोकस किया जा रहा है। साथ ही, पुराने लंबित प्रकरणों का भी समयबद्ध निस्तारण किया जा रहा है। सोनी नेे बताया कि एसीबी को 239 अधिकारी-जवान मिले हैं, इससे अनुसंधान कार्यों में तेजी आई है। कार्य संतोषजनक नहीं होने पर वर्ष 2021 में 85 कार्मिकों को एसीबी से उनके मूल पदस्थापन पर भेजा गया है।
बैठक में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव कार्मिक हेमन्त गेरा, एडीजी एसीबी दिनेश एमएन, एसीबी मुख्यालय से डीआईजी सवाई सिंह गोदारा एवं डॉ. विष्णुकांत, अजमेर रेंज के डीआईजी (एसीबी) समीर कुमार सिंह, जोधपुर रेंज के डीआईजी (एसीबी) कैलाश विश्नोई सहित विभिन्न रेंज एवं जिलों में पदस्थापित एसीबी अधिकारी वर्चुअल शामिल हुए।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading