धर्मलता महिला मंडल ने किया ऊनी कम्बल व वस्त्र दान, जैन धर्मलता महिला मंडल की सदस्य गरीब लोगों की मदद को हरदम रहती है तैयार | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

धर्मलता महिला मंडल ने किया ऊनी कम्बल व वस्त्र दान, जैन धर्मलता महिला मंडल की सदस्य गरीब लोगों की मदद को हरदम रहती है तैयार | New India Times

इस दुनिया में जरूरतमंद लोगों को अन्न दान, वस्त्र दान व आशियाना उपलब्ध करवाते हुए उनकी सहायता करना सबसे बड़ा पुण्य है। इसे चरितार्थ करती है जैन समाज की धर्मलता महिला मंडल की श्राविकायें। विगत कई वर्षों से जैन समाज धर्मलता महिला मंडल झाबुआ जिले में ही नहीं अपितु निकटवर्ती ज़िलों में भी जाकर जन सेवा के कार्य कर रही है।

मण्डल की वरिष्ठ सदस्य श्रीमती पुष्पा घोड़ावत, श्रीमती तारा भंसाली, श्रीमती मानकुंवर शाहजी, श्रीमती इंदु गादिया, श्रीमती सोहन पावेचा, श्रीमती सरोज शाहजी, मण्डल अध्यक्ष श्रीमती सुधा शाहजी, सचिव श्रीमती अनुपमा श्रीमाल, कोषाध्यक्ष श्रीमती किरण श्री श्रीमाल, श्रीमती स्नेहलता मोदी, श्रीमती शकुंतला कांकरिया, श्रीमती सुनीता घोड़ावत सहित महिला मंडल की अनेक सदस्यों के सहयोग से विकलांग आश्रम, निराश्रित अनाथालय आश्रम, महिला सुधार गृह, सिविल अस्पतालों तथा मंदिरों में जाकर हर जरूरतमंद की सेवा करती आ रही है।

इसी तारतम्य में इस बार ठंड की 5ठिठुरन से लोगों को बचाने के लिए महिला मंडल ने गर्म कम्बल एकत्रीकरण अभियान चलाते हुए 100 से अधिक कम्बल, चद्दर व शॉल इकट्ठा कर अंचल में जरूरतमंदों को दे रहे !

भारतीय प्रेस आयोग के पवन नाहर के माध्यम से गरीब व जरुरतमंद लोगों तक पहुँचाये हैं।

मण्डल अध्यक्ष श्रीमती सुधा शाहजी व श्रीमती पुष्पा घोड़ावत ने बताया कि मानव सेवा के पुनीत कार्य करते हुए उन्हें आत्मिक शांति के साथ जीवन की सार्थकता का अहसास होता है उन्होंने अन्य जनों से भी अपील की है कि वे भी इस कार्य में सहभागिता करें व अपने घरों से नए अनुपयोगी कम्बल, चद्दर, दोवड़, शालें, स्वेटर आदि देकर इस अंचल व आसपास के जरूरतमंद की सेवा कर सकती है।

By nit

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading