राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला) की प्रांतीय बैठक सम्पन्न | New India Times

यूसुफ खान, ब्यूरो चीफ, धौलपुर (राजस्थान), NIT:

राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला) की प्रांतीय बैठक सम्पन्न | New India Times

राजस्थान शिक्षा प्राध्यापक संघ (रेसला) की प्रांतीय बैठक जयपुर में आयोजित की गई। प्रांतीय बैठक में सभी प्रदेश पदाधिकारी, सभी मंडल अध्यक्ष एंव 33 जिला अध्यक्ष, जिला मंत्री सम्मिलित हुए। जिसमें रेसला सुप्रीमो मोहन सिहाग, प्रदेशाध्यक्ष भँवरलाल गुर्जर, सुमेर खटाणा, नाहर सिंह के सानिध्य में रेसला हितों एंव व्याख्याता माँगो पर विस्तृत चर्चा हुई। धौलपुर रेसला के जिला अध्यक्ष विजय मीणा प्रांतीय बैठक में शामिल हुए। रेसला अध्यक्ष धौलपुर ने बताया कि बैठक में विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा कर सर्वसम्मति से निम्न प्रस्ताव लिए गए जिनमें 16 जनवरी से पहले प्रधानाचार्य डीपीसी अनिवार्य रूप से करवाई जाए। इस हेतु भरसक प्रयास किए जाएंगे। नोशनल परिलाभ के लिए प्रयास किए जाएंगे, जिसमें डीपीसी से पदोन्नत कोई भी व्याख्याता प्रभावित नही होगा।आरआर वाले व्याख्याता अपनी नियुक्ति तिथि से स्थाई न होकर अपनी वरिष्ठता के आधार पर स्थाई होंगे। वरिष्ठ व्याख्याता का सीनियरिटी में पहले नंबर आएगा। व्याख्याताओं की बहुप्रचलित वेतन कटौती माँग पर होने वाली वेतन विसंगति निवारण कमेटी के साथ आगामी 28 दिसम्बर की बैठक में तथ्यों के साथ पुरजोर पैरवी कर वेतन कटौती निरस्त करवाने के प्रयास किए जाएंगे। व्याख्याता सीनियरिटी से लेकर कोई भी नया नियम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पिछले दिनों वायरल पत्र के खंडन के लिए शिक्षा सचिव एवं निदेशक को विरोध दर्ज करवा कर ज्ञापन दिया जाएगा और यदि सकारात्मक निस्तारण न हुआ तो इस सीनियरिटी छेड़छाड़ के विरुद्ध रेसला संगठन न्यायालय की भी शरण लेगा।माह जनवरी 2022 में 16 हजार प्रधानाचार्य, उपप्रधानाचार्य पदों के नवसर्जन एंव प्रधानाचार्य पदोन्नति में 80:20 अनुपात करने पर सरकार को धन्यवाद हेतु रेसला का विशाल अभिनंदन समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया गया। जिसमें मुख्यमंत्री, पीसीसी अध्यक्ष, शिक्षा मंत्री एंव जनप्रतिनिधि सम्मिलित होंगे।उपरोक्त सभी प्रस्तावों पर सर्वसम्मति से निर्णय लेकर राजस्थान के समस्त व्याख्याताओं से एकजुट होकर संघर्ष में सहयोग का आह्वान किया। साथ ही शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात कर व्याख्याता हितों की पुरजोर पैरवी की गयी।


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