अशफाक कायमखानी, ब्यूरो चीफ, जयपुर (राजस्थान), NIT:

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की यूपी मे धमाकेदार एंट्री व आगामी आम विधानसभा चुनाव को लेकर की जा रही घोषणाओं का प्रभाव सबसे पहले राजस्थान की गहलोत सरकार पर पड़ता नजर आ रहा है। विधानसभा चुनाव में चालीस प्रतिशत टिकट महिलाओं के देने व संविदा क्रमियों को सरकार आने पर उन्हें परमानेंट करने का वादा प्रियंका गांधी के करने से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने उनके स्वभाव के विपरीत चुनौती खड़ी हो गई है। गहलोत की लगातार टरकाने व अपने मन मुताबिक़ कदम उठाने की नीतियों पर प्रियंका गांधी की घोषणाओं ने एक तरह से चैक लगा दिया है।
अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते होने वाले आम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सत्ता से आऊट होने से सबक लेकर हर दफा फिर आम चुनावों के पहले कांग्रेस पार्टी अपने घोषणा पत्र में लोक लुभावने वादे करती है पर उनमें से अनेक वादे सत्ता में आने पर उन्हें हवा में उडा देने में गहलोत माहिरता हासिल कर चुके हैं।

2018 के आम विधानसभा चुनावों से पहले एक वादा मेनीफेस्टो में मदरसा पैराटीचर्स सहिंत अन्य संविदा कर्मी टीचर्स को स्थायी करने का कांग्रेस ने राजस्थान में किया था। उस वादे को पूरा करने के बजाये उससे गहलोत लगातार दूर भागती आ रही है। मदरसा पैराटीचर्स लगातार उस वादे को पूरा करने को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन करते आ रहे हैं। वर्तमान समय में जयपुर में धरना व पड़ाव चल रहा है पर उनकी मांग मानने को गहलोत अभी तक टस से मस होने को तैयार नहीं हैं। लेकिन पिछले सप्ताह यूपी में एक तरह से कांग्रेस हाईकमान प्रियंका गांधी के वहाँ सरकार आने पर संविधा कर्मियों को स्थायी करने का वादा करने के बाद गहलोत पर दवाब बढ़ गया है। उक्त दवाब को मजबूती देने के लिये पैराटीचर्स ने रणनीति बदलते हुये जयपुर धरने के साथ साथ दिल्ली व यूपी में अपने पैराटीचर्स का अलग अलग प्रतिनिधि मंडल बनाकर भेजकर प्रियंका से मिलकर राजस्थान में कांग्रेस द्वारा किये वादे को पुरा करने की अपील कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर पहले दांडी यात्रा व फिर जयपुर में धरने पर बैठे पैराटीचर्स के उक्त आंदोलन से मुख्यमंत्री गहलोत डीगे नहीं पर पैराटीचर्स के दिल्ली व यूपी जाकर प्रियंका गांधी से मिलकर व उनकी सभाओं में उक्त मामले को उठाने के अलावा दिल्ली एआईसीसी दफ्तर जाकर दिग्गज कांग्रेस नेताओं से मिलने से गहलोत कुछ हद तक दवाब में जरूर आये हैं।
यूपी में प्रियंका गांधी के चालीस प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने के बाद राजस्थान में होने वाले मंत्रीमंडल बदलाव व विस्तार में महिला प्रतिनिधित्व को लेकर गहलोत नये सिरे से रणनीति बना रहे हैं। अब वर्तमान में केवल मात्र एक ममता भूपेश मंत्री हैं। प्रियंका गांधी की उक्त घोषणा के बाद बताते हैं कि गहलोत एक कैबिनेट व दो राज्य मंत्री महिलाओं को बनाने के साथ साथ नये महिला विधायकों में से तीन को संसदीय सचिव बनाने पर विचार कर रहे हैं।
कुल मिलाकर यह है कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के यूपी में सरकार बनने पर संविदा कर्मियों को स्थायी करने व आम विधानसभा चुनाव में चालीस प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने की घोषणा करने का राजस्थान में मदरसा पैराटीचर्स व अन्य संविदा टीचर्स के चल रहे आंदोलन व मंत्रीमंडल बदलाव व विस्तार में महिला प्रतिनिधित्व पर प्रभाव पड़ता नज़र आयेगा।
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