इम्तियाज़ चिश्ती, ब्यूरो चीफ, दमोह (मप्र), NIT:

दमोह नगरपालिका आजकल अस्पतालों से निकलने वाले गंदे बायो मेडिकल कचरे को लेकर काफी सक्रिय है, लेकिन कभी कभी अधिकारियों का ओवर कॉन्फिडेंस खुद पर ही भारी पड़ जाता है और ऐसा ही हुआ है। दमोह में निजी अस्पताल से निकलने वाले वायो मेडिकल कचरे को लेकर अस्पतालों पर नगरपालिका चलानी कार्यवाही कर रही है। इसी बीच दमोह नगर की पसारी अस्पताल पर भी नगरपालिका के अधिकारियों ने बायो मेडिकल वेस्ट कचरा खुले में फेंकने पर टीम ने दबिश दी जिसका नेतृत्व किया नगरपालिका में पदस्थ विकास तिवारी ने.

मौके पर पाए कचरे को देख चालान काटने की बात कही लेकिन यहाँ नगरपालिका खुद उल्टा फंस गई। दरअसल दमोह नगरपालिका के अधिकारी जो कचरा निजी अस्पताल का बता रहे थे वो कचरा यहाँ नगरपालिका खुद फिकवाता है, नगरपालिका का सरकारी वाहन आकर अस्पताल के पीछे यहॉं वहाँ से कचरा लेकर खाली कर जाता है ये बात तब सामने आई जब अधिकारियों के दल ने कचरा देखकर अस्पताल पर जुर्माना ठोंकने की बात कही, इस पर डॉ जलज पसारी ने पूरी टीम के सामने नगरपालिका की लापरवाही सीसीटीवी कैमरे के वीडियो फुटेज के माध्यम से सबके सामने ला दी, इतना ही नहीं वहां मौजूद अधिकारियों के सामने नगरपालिका की गाड़ी का वीडियो दिखाने के साथ साथ लिखित आवेदन भी दिखा दिया जो अस्पताल संचालक पहले भी दे चुका था नगरपालिका में कचरे की शिकायत को लेकर।

उसमें साफ साफ लिखा था की नगरपालिका सालों से हमारे अस्पताल के पीछे कचरा जमा कर रही है और सारे शहर का गंदा कचरा नगरपालिका के वाहन यहां छोड़ जाते हैं. अस्पताल के पीछे दमोह नगरपालिका का वाहन और हाथ ठेले से यहाँ कचरा जमा किया जाता है वी भी बीच रिहायशी क्षेत्र में जहां गली मोहल्ला में संक्रमण फैलने का ज्यादा ख़तरा है। वहीं जब यहाँ अधिकारीयों ने अस्पताल को नोटिस देने की बात कही तो अधिकारीयों की यहां एक ना चली और वीडियो देखकर बे रंग लौटेने पर मजबूर हो गए।

वहीं जब कार्यवाही करने गए नगरपालिका के अधिकारी विकास तिवारी से हमने बात करनी चाही तो जनाब की बोलती तो बंद हुई ही बल्कि गोलमोल जबाब देते हुए उठ खड़े हुए. यूं तो नगरपालिका दमोह में स्वच्छता का दम भर्ती दिखाई देती फिर रही है और यहाँ खुद नगरपालिका की गाड़ी से बीच सिटी में शहर भर का कचरा जमा करने पर जब मुख्य नगरपालिका अधिकारी निशिकांत शुक्ला को बताया तो उन्होंने अस्पताल संचालक पर झूठ बोलने की बात कही। वे यहीं नहीं रुके नगरपालिका सीएमओ ने ना सिर्फ वीडियो फुटेज को झुठलाया बल्कि निजी अस्पताल प्रशासन को देख लेने की बात कही और कहा कि ऐसा है तो चालान काटकर ही रहेंगे.
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