नरेंद्र इंगले, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
ओबीसी व अन्य पिछड़ा वर्ग के राजकीय आरक्षण को लेकर राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार को कठघरे में खड़ा करने के लिए भाजपा की ओर से प्रदेश में राज्यव्यापी आंदोलन किया गया. जामनेर में निलंबित विधायक तथा पूर्व मंत्री गिरीश महाजन की गैर मौजूदगी में भाजपा ब्लाक कमेटी ने ओबीसी आरक्षण को लेकर तहसील कार्यालय पर मोर्चा निकाला. आंदोलन में शामिल पदाधिकारियों में संविधान के जानकारी का अभाव साफ देखा गया क्योंकि भाषण पाॅलिटिकल थे. वक्ताओं ने OBC के राजकीय आरक्षण के लंबित मामले के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया, बताया कि ठाकरे सरकार ने कोर्ट को एम्पीरिकल डेटा मुहैया नहीं करवाया. राज्यपाल के नाम तहसीलदार को सौंपे ज्ञापन में मांग की गई कि जब तक राज्य में OBC को राजकीय आरक्षण बहाल नहीं किया जाता तब तक लोकल बॉडीस के चुनाव नहीं करवाए जाएं. इस आंदोलन की खास बात यह रही कि राज्यपाल के नाम निवेदन दिया गया है इससे यह उम्मीद की जा सकती है कि आरक्षण की पक्षधर भाजपा की ओर से आने वाले दिनों में सामाजिक और राजकीय आरक्षण के तमाम मुद्दे संसद में सुलझाए जाने के बजाये राष्ट्रपति को ही चिट्ठी लिखी जाए. आंदोलन में दिलीप खोड़पे, चंद्रकांत बाविस्कर, शरद मोतीराम पाटिल, डॉ प्रशांत भोंडे, राजमल भागवत समेत भाजपा के सभी भूतपूर्व तथा वर्तमान संस्था सदस्य मौजूद रहे.
केंद्र से मांगें डेटा: राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता संजय गरुड़ ने भाजपा के इस आंदोलन पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस सरकार के समय से एम्पीरिकल डेटा का मामला भाजपा ने जानबूझकर लंबित रखा है. केंद्र सरकार के पास डेटा उपलब्ध है बेहतर होगा कि प्रदेश भाजपा केंद्र से वह डेटा मांग ले, डेटा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कई बार केंद्र को फटकार लगाई है. OBC का राजकीय तथा मराठा समाज के सामाजिक आरक्षण के विषय को लेकर केंद्र सरकार ने दोगली भूमिका अपनाई हुई है. गरुड़ ने भाजपा पर यह कहते तंज कसा की भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को एक्टिव रखने के लिए इस तरह के आंदोलन कर केंद्र की नाकामी का ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ने में लगी है.
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