अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ, धुले (महाराष्ट्र), NIT:
समता परिषद के नेतृत्व में गुरुवार को राजकीय क्षेत्र में ओबीसी आरक्षण श्रेणी कोटा लागू करने की मांग को लेकर जोरदार तरीके से विरोध प्रदर्शन किया गया. निकाय चुनाव, जिला परिषद, नगर पालिका और अन्य स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण बरकरार रखने की मांग को लेकर आगरा -मुंबई महमार्ग को आधा घंटे तक जाम किया.
समता परिषद के नेतृत्व में ओबीसी संगठनों ने कल ओबीसी के राजनीतिक क्षेत्रों के चुनावों में आरक्षण की बहाली के लिए शहर के नागवबारी चौराहे पर राजमार्ग पर सड़क जाम कर दिया. इस दौरान आंदोलनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आधे घंटे तक हाइवे को जाम कर दिया जिसके चलते यातायात बाधित हो गई थी.
ओबीसी समुदाय के नेता सतीश महाले ने कहा कि संवैधानिक शर्तों को पूरा न करने के कारण ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण स्थगित कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राज्य के पांच जिलों में स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण के खिलाफ दायर एक याचिका पर फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से महाराष्ट्र के 27 नगर निगमों की कुल 2,736 सीटों में से 740 सीटों की कटौती की जा रही है।
128 नगर पंचायतों और 241 नगर पालिकाओं की 7493 सीटों में से 2,099 सीटें ओसबीसी समुदाय की कम की जाएंगी।
इसी तरह से 34 जिला परिषदों की 2 हजार सीटों में से 535 और पंचायत समिति की 351 सीटों में से 4 हजार सीटों में से 1 हजार 29 सीटों की कटौती की जाएगी.27 हजार 782 ग्राम पंचायतों में 1 लाख 90 हजार 691 सीटों में से 51 हजार 486 सीटें कम की जा रही हैं।
सतीश महाले ने कहा कि हालांकि अदालत के फैसले का नौकरी या शैक्षिक आरक्षण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन राजनीतिक आरक्षण रद्द कर दिया गया है। इसका असर राज्य ही नहीं पूरे देश पर पड़ेगा। यह आंदोलन समता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष छगन भुजबल के आदेश पर और नासिक संभाग के अध्यक्ष बालासाहेब कार्डक के मार्गदर्शन में किया गया था। इस अवसर पर आंदोलन में समता परिषदे जिलाध्यक्ष राजेश बागुल, महानगरप्रमुख गोपाल देवरे, सतिष महाले, बापु महाजन, आर.के. माळी, बापु खलाणे, ज्ञानेश्वर माळी सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
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