फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
उत्तर प्रदेश की कमान सम्भालने के साथ ही सीएम योगी लगातार अपराधियों की धरपकड़ कर प्रदेश को भयमुक्त और अपराध मुक्त बनाने के दावे कर रही है लेकिन मुख्यमंत्री योगी के दावों और असल ज़मीनी हक़ीक़त में ज़मीन आसमान का अंतर है। जनपद की कमान संभालने के बाद नवागन्तुक पुलिस कप्तान ने भी पत्रकारों से वार्ता के दौरान आश्वस्त किया था कि उनकी प्राथमिकता जनपद से क्राइम रेट को कम करने के साथ-साथ अपराधियों को तत्काल गिरफ़्तार कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। लेकिन पुलिस कप्तान के मातहत न तो सीएम साहब के दावों पर खरे उतरते नज़र आ रहे हैं और न ही कप्तान साहिबा के आदेशों को परवान ही चढा पा रहे हैं। जनपद में ताबड़तोड़ एक के बाद एक घटनाएं घटित हो रही हैं और जिले की पुलिस बस प्रेस नोटों के ज़रिए अपनी पीठ थपथपातीओऔर अपने दायित्वों की इतिश्री करती नज़र आ रही है। कुछ इसी तरह का हाल शहर के कोतवाली नगर क्षेत्र का है जहां दस दिन पहले हूई लाखों की चोरी का ज़िले की खुलासा बहादुर पुलिस न तो खुलासा ही कर सकी है और न ही चोरी का सामान बरामद कर सकी है। लॉकडाउन की पाबन्दियों के बीच चोरों का सड़कों पर घूम कर घरों पर हाथ साफ करना इलाकाई पुलिस के रात्रि गश्त के दावों की भी पोल खोलती नज़र आ रही हैं
ज्ञात हो कि जनपद में अपराध व अपराधियों के खिलाफ चालाए जा रहे अभियान का हवाला देते हुए थानों से वाह-वाही लूटने वाली प्रेस नोट जारी कर ज़िले की खुलासा बहादुर पुलिस कई घटनाओं का राज़फाश करने में नाकाम रही है। वह चाहे मुर्तिहा क्षेत्र में मिली आज्ञात युवती का जंगलों में बरामद शव का मामला हो या फिर कैसरगंज इलाके में अधजली अवस्था मे मिले युवक के शव का मामला हो। ऐसी कई घटनाएं घटित हूई हैं जिनका खुलासा करने में ज़िले की खुलासा बहादुर पुलिस खुलासा करने में नाकाम रही है। ताज़ा मामले शहर के थाना कोतवाली नगर इलाके के बशीरगंज चौकी क्षेत्र अंतर्गत किला मोहल्ले का है। जहां 23/24 मई की दरमियानी रात को किला मोहल्ला निवासी यार मोहम्मद पुत्र शफीउल्लाह अपने पैतृक गांव फत्तेपुवा अपने परिवार के साथ वैवाहिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए गए हुए थे और घर पर सिर्फ उनके पिता थे।
इसी दैरान चोरों ने उनके घर के गेट व सभी कमरों के ताले तोड़ सिलाई मशीन, रेंजर साइकिल, सीसीटीवी कैमरा व सिस्टम, ज़ेवरात व एक लाख 20 हज़ार रुपयों पर हाथ साफ कर दिया जिसकी सूचना उनके पड़ोसी द्वारा सुबह करीब 5:30 बजे दी गयी और जब वह घर पहुंचे तो उनके पिता बेहोशी की हालत में पाए गए। पीड़ित ने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का जायज़ा लिया और चली गयी। पीड़ित का कहना है दो दिन बाद घटना की एफआईआर दर्ज की गई लेकिन दस दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक न तो चोरों को पकड़ा गया है और न ही चोरी गया सामान ही बरामद हुआ है।
बताते चलें कि यक एक प्रकरण नहीं है जिसकी गुत्थी बशीरगंज चौकी इंचार्ज व उनकी पुलिस सुलझा नही सकी है। लगभग डेढ़ माह पूर्व बशीरगंज चौकी क्षेत्र अन्तर्गत ही एक युवती के अपहरण मामले की गुत्थी भी इलाकाई पुलिस सुलझाने में नाकाम है। अपहरण मामले में एफआईआर नामजद अरोपियों के विरुद्ध दर्ज है बावजूद इसके न तो चौकी की पुलिस अपहृता को बरामद कर सकी है और न आरोपियों को गिरफ़्तार। अपहरण मामले में अपहृता के परिजनों ने बशीरगंज चौकी इंचार्ज पर उल्टा उन्हें ही धमकाने और झूठे मुक़दमों में फंसाने के आरोप लगाते हुए एसपी कार्यालय पहुंच शिकायत की है। यह स्थिति तब है जब जिले की पुलिस कप्तान सुजाता सिंह ने व्हाट्सएप पर आई शिकायतों को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल कारवाही के निर्देश जारी कर रखे हैं। इलाकाई पुलिस बस चालानों के सहारे अपने सराहनीय कार्यों का प्रदर्शन कर कागज़ी कोरम पूरा करने में जुटी। अब देखने वाली बात होगी जिले की पुलिस कप्तान इस पर क्या एक्शन लेती हैं।
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