उपेक्षा के चलते मैगलगंज को नहीं मिल सका नगर पंचयात का दर्जा जबकि नगर पंचायत बनने के लगभग सभी मानक हैं मैगलगंज में पूर्ण | New India Times

वी. के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

उपेक्षा के चलते मैगलगंज को नहीं मिल सका नगर पंचयात का दर्जा जबकि नगर पंचायत बनने के लगभग सभी मानक हैं मैगलगंज में पूर्ण | New India Times

राष्ट्रीय राजमार्ग- 24 लखनऊ-दिल्ली पर स्थित मैगलगंज वैसे तो गुलाब जामुन (रसगुल्ला) के लिए प्रसिद्व है. हाईवे पर स्थित होने के कारण यहाँ से प्रतिदिन शासन प्रशासन के छोटे बड़े नुमाइंदों का आवागमन बना रहता है, यही नहीं यहाँ रुक कर गुलाब जामुन का स्वाद भी लेते हैं पर उनको मैगलगंज ग्रामसभा है या नगर पंचयात है यहाँ की दुर्दशा नहीं दिखती ये शासन प्रशासन की उपेक्षा नहीं तो और क्या है जबकि समय समय पर अवगत भी कराया जाता है, समाचार पत्रों में सैकड़ों बार प्रकाशित किया गया, ज्ञापन के माध्यम से विधायक, सांसद, मंत्री, जिलाधिकारी सबको राजनैतिक, समाजिक संगठनों ने गुहार लगाई पर परिणाम अभी तक शून्य, ये शासन प्रशासन की उपेक्षा नहीं तो और क्या है? बताते चलें कि लगभग 20 हजार आबादी को अपने आंचल में समेटे मैगलगंज आज भी ग्रामसभा की हैसियत रखता है जबकि नगर पंचयात की काबिलियत रखता है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि मैगलगंज में रेलवे स्टेशन, परिवहन निगम की उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड राज्यों की बसों का संचालन होता रहता है. पुलिस स्टेशन, कृषि उत्पादन, नवीन मंडी समिति का विशाल परिसर, आधा दर्जन बैंक, इंडियन बैंक, जिलासहकारी, बड़ौदा, पंजाब नेशनल, स्टेट व ग्रामीण बैंक संचालित हैं। इसके आलवा पशु चिकित्सालय, पशु बाजार, मिनी स्टेडियम, डिग्री कालेज, इंटर कालेज लगभग 5 दर्जन शिक्षा संस्थान संचालित हैं, व्यापारिक दृष्टि से एक बड़े बाजार को अपने आगोश में लिये है। यहाँ से गुजरने वाले नेता, अभिनेता, अधिकारी, कर्मचारी सभी बड़े चाव से गुलाब जामुन का स्वाद लेते हैं और जो यहाँ से पहली बार गुजरता होगा उसको  यही लगता होगा कि मैगलगंज नगरपालिका से कम नहीं होगा जबकि हकीकत यह है कि शासन प्रशासन की उपेक्षा का शिकार आज भी ग्राम पंचयात का दर्जा प्राप्त ऐसा भी नहीं आस नहीं जागी कई बार आस जागी की कम से कम अब नगर पंचयात का दर्जा मिल ही जायेगा लेकिन बदकिस्मत ही है मैगलगंज की आज तक ऐसा संभव नहीं हो सका, बस हवा में परबाज करते संदेशों से की अगला चुनाव प्रधानी का नहीं चैयरमैनी का होगा. अब स्थानीय क्या क्षेत्रीय लोगों को भी विश्वास नहीं होता, सब चुनावी फंडा है। काश मैगलगंज को नगर पंचयात दर्जा मिल सके तो यहाँ का भी विकास हो जाये, व्यापार बढ़ जाये. व्यापारियों का मानना है पूर्व में अगर दर्जा मिल गया होता तो यहाँ का व्यापार दिन दूना रात चौगुना तरक्की कर चुका होता, व्यापार के तमाम नए साधन बन चुके होते, यहाँ के युवाओं का पलायन रुक जाता। गौर करने वाली बात यह है कि चार जनपदों की सीमाओं को स्पर्श करता मैगलगंज के पूरब सीतापुर, पश्चिम में शाहजहांपुर, उत्तर में जिला मुख्यालय लखीमपुर खीरी, दक्षिण में हरदोई है. यहां यातायात के साधन चौबीस घण्टे उपलब्ध है, भारत के किसी भी कोने में जाना हो दिन रात यातायात की सुविधा उपलब्ध रहती है। मैगलगंज व्यापार व आवागमन के मामले में जनपद में अग्रणी स्थान रखता है. विकास की बात करें तो यहां की अवाम को साफ दिखाई पड़ रहा है नगर पंचयात बनने के बाद ही विकास गति पकड़ेगा अगर शासन प्रशासन अपनी नजरे इनायत कर दे मैगलगंज की किस्मत खुल जाएगी।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading