कोराना की दूसरी लहर पहली लहर के मुकाबले कायमखानी बिरादरी पर भारी पड़ी पर जरुरतमंदों को निःशुल्क आक्सीजन व प्लाजमा पहुंचाने में युवाओं ने तोड़े रिकॉर्ड | New India Times

अशफाक़ कायमखानी, सीकर/जयपुर (राजस्थान), NIT:

कोराना की दूसरी लहर पहली लहर के मुकाबले कायमखानी बिरादरी पर भारी पड़ी पर जरुरतमंदों को निःशुल्क आक्सीजन व प्लाजमा पहुंचाने में युवाओं ने तोड़े रिकॉर्ड | New India Times

प्रदेश के शेखावाटी, मारवाड़, मेवाड़ व जयपुर के आसपास सहित अनेक हिस्सों में रहने वाली देहाती परिवेश को खासते पर तरजीह देने वाली मुस्लिम कायमखानी बिरादरी में से शेखावाटी जनपद के सीकर चूरु व झूंझुनू जिले के अतिरिक्त डीडवाना व लाडनू क्षेत्र में बहुतायत में प्रमुख रुप से निवास करने वाली कायमखानी बिरादरी पर कोराना की पहली लहर कहर नहीं ढा पाई थी लेकिन पिछले दिनों चले शादियों के दौर व अन्य सामाजिक अवसरों पर आपसी आवाजाही में बरती जरासी लापरवाही के चलते कोराना की वर्तमान में चल रही दूसरी लहर ने खूब कहर ढाया है। गनीमत रही की ढहते कहर की शुरुआत से ही युवाओं का एक बडा़ तबका मुश्किल हालत की आहट को भांपकर खिदमत करने के लिये ताकत से बाहर निकल कर मैदान में अपने सभी साधन झोंकते हुये बेमिसाल खिदमात अंजाम देते हुये आखिरकार कौम को बडे़ नुकसान से बचाकर समझदारी से कामयाबी पा रहे हैं।

कोराना की दूसरी लहर पहली लहर के मुकाबले कायमखानी बिरादरी पर भारी पड़ी पर जरुरतमंदों को निःशुल्क आक्सीजन व प्लाजमा पहुंचाने में युवाओं ने तोड़े रिकॉर्ड | New India Times

कोराना की कहर ढहाती आहट से ही सावधान होकर समय के साथ सरकारी लाॅक डाउन लगने से पहले सीकर से किरडोली गावं के युवाओं ने पांच दिन का पूर्ण लाॅक डाउन लगाकर गांव में बड़ी तादात में संक्रमित होकर जानी नुकसान होने से गांव को बचाने में सफलता पाई। वहीं गांव के युवाओं ने अपने स्तर पर पैसा इकठ्ठा करके आवश्यक चिकित्सा सामग्री खरीद कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक तरह से कोराना केयर सेंटर बना लिया। बिलाल खान नामक युवा के नेतृत्व में एक टीम ने घर घर जाकर आपसी समझाईश व मेडिकल किट बांटे और संदिग्ध लोगों को कोराना टेस्ट करवाने के लिये राजी करके बहुत अच्छी कोशिश की। इसी के कारण अबतक किरडोली में मात्र चार मौत कोराना से हुई बताते हैं।
कोराना की दूसरी लहर के प्रकोप में ढहते कहर में जब पता चला कि मरीज कोराना वायरस की वजह से कम और आक्सीजन की कमी से अधिक मर सकते हैं तो समस्या को समय पूर्व जानकर गांव-गांव, ढाणी ढाणी एवं कस्बे के वार्ड वार्ड से कायमखानी युवाओं ने छोटे छोटे ग्रूप बनाकर अपने पैसों से कड़ी मेहनत के साथ दूर दराज से लाॅक डाउन की पाबन्दियों के बावजूद आक्सीजन लाकर बिना जाती-धर्म का भेद किये जरुरतमंदों को सिलेंडर उपलब्ध करवा कर जो पुनित कार्य इस कठिन दौर में किया है उस कार्य की पहले कल्पना करना भी दूर की कोढी समान था। युवाओं के द्वारा आक्सीजन उपलब्ध करवाने के कारण आक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा नगण्य सा रहा है। हां फिर भी कायमखानी बिरादरी में कोराना से संक्रमित होने से मौतें करीब करीब सभी गावों में जरूर हुई हैं लेकिन वो मौतें अधीकांश उन लोगों की हुई हैं जो या तो उम्रदराज थे या फिर अन्य बीमारियों से पहले से ग्रसित थे। आक्सीजन की कमी से मरने वालों का आंकड़ा नगण्य समान माना जा रहा है।

कोराना की दूसरी लहर पहली लहर के मुकाबले कायमखानी बिरादरी पर भारी पड़ी पर जरुरतमंदों को निःशुल्क आक्सीजन व प्लाजमा पहुंचाने में युवाओं ने तोड़े रिकॉर्ड | New India Times

कोराना की दूसरी लहर ने पहली लहर के मुकाबले प्रदेश भर की तरह यहां भी गावों में कहर अधिक ढाया। मूल रुप से गावों में निवास करने वाली देहाती कल्चर वाली कायमखानी बिरादरी भी इस लहर में इसीलिये कोराना के प्रकोप में अछूती नहीं रह पाई। जोधपुर स्थित पोस्टेड अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नाजीम अली खान का इस मामले में युवाओं को मार्गदर्शन बड़ा लाभदायक साबित होना बताया जा रहा है।
कुल मिलाकर यह है कि कायमखानी युवाओं के खिदमत ए खल्क की भावना से ओतप्रोत होकर कोराना काल के कठिन समय में तन मन व धन का समायोजन करके जो खिदमत अंजाम दी है उसी की बरकत से बिरादरी को बडे नुकसान से बचा लिया है। वरना उक्त महामारी की चपेट में आकर घर घर में मौत ताण्डव मचाने से चूकती नहीं। बिरादरी के भामाशाहों ने भी अपने हाथ पूरी तरह खुले रखकर मिसाली काम किया है। कोराना की दूसरी लहर से मुकाबला करके उसको मात देने वाले युवाओं ने अब शिक्षा से बिरादरी को शिद्दत के साथ जोड़कर मुकाबलाती परिक्षाओं के प्रति आकर्षण पैदा करके कामयाबी का डंका भी इसी तरह से बजाने का प्लान पर गम्भीरता से सोच रहे हैं।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading