भोपाल के न्यू कबाड़ खाना स्थित मस्जिद अहले हदीस के पेश इमाम मौलाना मोहम्मद मुदस्सिर सल्फी ने लोगों से की अपील, पड़ोसियों और जरूरतमंदों का ध्यान रखते हुये सादगी से मनायें ईद का त्यौहार | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:

भोपाल के न्यू कबाड़ खाना स्थित मस्जिद अहले हदीस के पेश इमाम मौलाना मोहम्मद मुदस्सिर सल्फी ने लोगों से की अपील, पड़ोसियों और जरूरतमंदों का ध्यान रखते हुये सादगी से मनायें ईद का त्यौहार | New India Times

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के न्यू कबाड़ खाना स्थित मस्जिद अहले हदीस के पेश इमाम मौलाना मोहम्मद मुदस्सिर सल्फी ने लोगों से अपील की है कि पड़ोसियों और जरूरतमंदों का ध्यान रखते हुये सादगी से ईद का त्यौहार मनायें।
कोरोना महामारी के चलते अर्थव्यवस्था चरमरा गई है।सभी व्यवसाय बंद हैं, दैनिक जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। अधिकांश श्रमिक वर्ग के लोग काफी परेशान हैं और लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं. जिन लोगों के पास कुछ साधन थे वह पिछले लॉक डाउन के समय में खाली हाथ हो गए, ऐसे समय में सभी लोगों को चाहिए कि अपने त्यौहारों को सादगी से मनायें। इस महामारी से लाखों लोग मारे गए हैं। इसलिए इस साल ये ज़रूरी है कि हम गरीबों, पड़ोसियों और जरूरतमंदों का ध्यान रखकर त्यौहार सादगी से मनायें और लोगों की मदद करें। मौलाना मुहम्मद मुदस्सिर ने यह भी कहा कि बहुत से लोग इस बीमारी को हल्के में ले रहे हैं, इसे राजनीति में बदल रहे हैं, यह लोगों की गलतफहमी है। हर किसी को इस बीमारी से लड़ने की जरूरत है. चिकित्सकों द्वारा दी जाने वाली सलाह को अपनाने की ज़रूरत है तब जा कर इस बीमारी को ख़त्म किया जा सकता है। वहीं तमाम मुसलमानों से यह भी अपील की है कि अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी ज़्यादा से ज्य़ादा मांगें और अल्लाह को राज़ी करने वाले आमाल को अंजाम दें साथ ही साथ उन्होंने ने यह भी कहा है कि लोगों द्वारा यह अपील की जा रही है कि कोई भी हिन्दू मुस्लिम आपस में खरीदारी न करें या विशेष धर्म के व्यक्ति से ही खरीदारी करें यह गलत और बाँटने वाली बात है, सबको आपस में खरीदारी करनी चाहिए और थोड़े से लोगों की वजह से सबको टारगेट नहीं करना चाहिए, लेकिन हमारा मानना है कि ऐसे समय में सादगी के साथ ही त्यौहार मनाना चाहिए क्योंकि इस समय हमें दूसरों की मदद करने की आवश्यकता है। ये समय गरीबों और जरूरतमंदों का ख्याल रखने का समय है, सभी को व्यर्थ खर्च से बचने की आवश्यकता है। सादगी से रहें, बेहतर है कि फिजूलखर्ची से बचें।


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