कोरोना काल मे शासन व प्रशासन के साथ जनता की भागीदारी कैसी हो: कान्हा शर्मा | New India Times

यूसुफ खान, ब्यूरो चीफ, धौलपुर (राजस्थान), NIT:

कोरोना काल मे शासन व प्रशासन के साथ जनता की भागीदारी कैसी हो: कान्हा शर्मा | New India Times

कोरोना जो आज देश और दुनिया के लिए बहुत बड़ी समस्या बन चुक है। कुछ देशों में इसने विकराल रूप ले लिया है और परिस्थिति दिन बा दिन बिगड़ती जा रही है। भारत में परिस्थिति कुछ ज्यादा ही बिगड़ रही है। हर दिन ये अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ कर नया रिकॉर्ड बना रहा है। जहाँ एक तरफ कोरोना वायरस म्युटेंट होकर और आक्रामक हो रहा तो दूसरी तरफ जनता इसको मज़ाक या सरकार की साजिश समझकर इसको बढ़ाने में अपना योगदान दे रही है जिसके कारण सरकार एवं प्रशासन के सामने बहुत विकट समस्या पैदा हो रही है. एक तरफ जनता की जान है और दूसरी तरफ जनता के जीवन यापन को सुचारू रूप से चलते रहने का दायित्व। पिछले एक साल से सरकार जनता को विज्ञापनों और संदेशों के द्वारा कोरोना की भयावहता बताते हुए नियमों का पालन करने को कह रही है, जैसे मास्क लगाएं, दो गज की दूरी बनाएं और समय समय पर हाथ को धोएं या सेनेटाइज करें और नियमों का पालन न करने वालों पर फाइन भी लगा रही है और प्रशासन और पुलिस ने मिलकर जनता को जागरूक करने की कोशिश की लेकिन जनता आज भी जागरूक नहीं हुई है।


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