हरे बागों का कटान जारी, नोटों की गड्डियों की चमक के चलते आंखें मूंदे हुए हैं जिम्मेदार | New India Times

वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

हरे बागों का कटान जारी, नोटों की गड्डियों की चमक के चलते आंखें मूंदे हुए हैं जिम्मेदार | New India Times

पुलिस एवं राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से मोहम्मदी एवं पसगवां कोतवाली क्षेत्र में बेखौफ हरियाली को नष्ट किया जा रहा है। रमन्ना एवं परमिट की आड़ में पेड़ों का ही नहीं हरे भरे भागों का कटान हो रहा है। पसगवां कोतवाली क्षेत्र अवैध कटान में निरंतर ऊंचाइयों को छूते हुए प्रथम स्थान पर है। गत दिनों लकड़ी माफिया वन विभाग पुलिस एवं राजस्व कर्मियों की चौकड़ी ने ग्राम समाज एवं सरकारी पानी के नाले पर खड़े विभिन्न प्रजाति के लगभग डेढ़ सौ पेड़ काट लिए और जिम्मेदार सोते रहे।
पिछले कुछ माह से सरकार के द्वारा विभिन्न प्रजातियों एवं आम के पेड़ों-बागों के कटान पर दी गई छूट का लाभ उठाते हुए लकड़ी माफियाओं के द्वारा मोहम्मदी एवं पसगवां कोतवाली क्षेत्र में अंधा-धुंध कटान करा रहे हैं। पेड़ या बाग की कीमत के पचास-पचास प्रतिशत पुलिस एवं वन विभाग को तथा तीस प्रतिशत में क्षेत्र के राजस्व कर्मी, प्रधान सहित दबंग एवं छूट भैया पत्रकारों का नजराना देकर लकड़ी माफिया हरियाली पर बेखौफ होकर आरा चला रहे हैं। इन लकड़ी माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि वह ग्राम समाज भूमि पर खड़े पेड़ों, नलकूप विभाग के नालों पर खड़े पेड़ भी बेखौफ होकर काट ले जाते हैं और सारे जिम्मेदार देखते रहते हैं।
गत दिनों पसगवां कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सुनौरिया में नलकूप विभाग के नाले पर खड़े एक सौ यूकेलिप्टस के पेड़ वन विभाग, हल्का लेखपाल एवं पुलिस की साठ गांठ से लकड़कट्टे काट ले गए। इसी तरह ग्राम गणेशपुर में ग्राम समाज भूमि पर खड़ा विशालकाय चांदनी का पेड़ लकड़कट्टों ने काट लिया, इसी प्रकार ग्राम महमूदा के दक्षिणी-पश्चिमी नाले पर खड़ा विशालकाय गूलर एवं आम का पेड़ इन्हीं उक्त जिम्मेदारों की सहमति से लकड़कट्टे काट ले गए और सारे जिम्मेदार सोते रहे। यही नहीं बरवर जहानीखेड़ा रोड पर रपटा पुल के पास पूरे रोड पर खड़े शीशम के पेड़ पुलिस की मिलीभगत से चोरी-चोरी काटे जा चुके हैं। इस रोड पर सारे बड़े-मोटे शीशम के पेड़ लकड़ी माफिया काट ले गए और जिम्मेदार देखते रहे। गत दिनों मोहम्मदी क्षेत्र के ग्राम बैदा में गांव के पश्चिम बौर से लदा आम का बाग भी लकड़ी माफिया ने काट डाला था। इसी गांव के रहने वाले सपा के विधान सभा अध्यक्ष दिलीप यादव ने कोतवाली, एसडीएम, रेंजर एवं डीएफओ तक को फोन कर हरे व बड़े आम के बौर वाले बाग काटे जाने की शिकायत की लेकिन वन विभाग ने लकड़कट्टों को बचाते हुए जुर्माना लगाने की रस्म अदा कर कार्यवाही की रस्म अदा कर लकड़ी माफिया को बचा लिया। नगर की हर आरा मशीन आम सहित विभिन्न प्रजातियों एवं प्रतिबंधित प्रजातियों के पेड़ों की लकड़ी से पटी पड़ी है। बिना परमिट के काट रहे बागों से सरकार को भी भारी राजस्व हानि का सामना करना पड़ रहा है और क्षेत्र की हरियाली भी नष्ट हो रही है। पर्यावरण पर खासा बुरा असर पड़ रहा है। जितना अन्नदाता के द्वारा धान परली जलाने से वायु प्रदूषण खराब हो रहा है उससे कहीं अधिक हरियाली के अंधा-धुंध कटान से हो रहा है और जिम्मेदार नोटों की गड्डीयों की चमक के चलते आंखें मूंदे बैठे हैं।


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