भाजपा अल्पसंख्यक कार्यकर्ता ने नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते पर लगाया तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप | New India Times

मेहलका इकबाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

भाजपा अल्पसंख्यक कार्यकर्ता ने नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते पर लगाया तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप | New India Times

सीएम हेल्पलाइन पर की गई अतिक्रमण संबंधी एक शिकायत पर नगर निगम बुरहानपुर के इंजीनियर अनिल गंगराड़े द्वारा की गई कार्यवाही पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा अल्पसंख्यक कार्यकर्ता पीड़ित पक्ष के मुख्तार अंसारी ने नगर निगम के अधिकारियों पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उक्त जानकारी देते हुए नया मोहल्ला, शाह बाजार के पुराने कर्मठ कार्यकर्ता मुख्तार अंसारी ने कहा कि आज अपनी सरकार में वह असहाय एवं हताश हैं, क्योंकि भाजपा की सरकार होने के उपरांत भी उनके मकान जेसीबी से थोड़े जा रहे हैं एवं वे अपनी सरकार में कुछ नहीं कर पा रहे हैं ऐसा लगता है कि वर्तमान शिवराज सरकार पर अफसर शाही हावी है। बुरहानपुर के नगर निगम का इंजीनियर अनिल गंगराड़े तो खुलेआम गुंडागर्दी पर उतर आया है। उसके द्वारा नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के पालन में ना तो संबंधित पीड़ित को बचाव का कोई अवसर दिए बिना ही बलात् कार्य वाही कर रहा है। भाजपा कार्यकर्ता मुख्तार अंसारी ने कहा कि नगर पालिक निगम का यह इंजीनियर विगत 30 वर्षों से बुरहानपुर में अपने पद पर इस प्रकार जमा है यह समझ से परे है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत उनके मकान का निर्माण किया गया है। उनके द्वारा नजूल भूमि पर 13 फीट ऊंचाई पर गैलरी का निर्माण किया गया है जिससे ना तो आवागमन में किसी प्रकार की बाधा थी और ना ही हवा पानी आदि बाधित हो रहा था फिर भी नगर निगम के उक्त कथित इंजीनियर द्वारा किसी तथाकथित झूठी शिकायत पर, बिना किसी जांच-पड़ताल के एवं अतिक्रमण को चिन्हित किए बिना इंजीनियर द्वारा तोड़ देना न्याय भावना के विपरीत है। उन्होंने कहा कि उनका प्रकरण नजूल कार्यालय में लंबित है, इसमें किसी भी तरह का कोई आदेश इस संबंध में नहीं किया गया है। इस संबंध में उन्होंने अपनी शंका स्थानीय कांग्रेसी पार्षद पर जाहिर करते हुए कहा है कि उन्हें सिर्फ भाजपा कार्यकर्ता होने एवं चुनाव में पूरी ईमानदारी के साथ पार्टी के लिए वोट जुटाने की सजा मिली है। उल्लेखनीय है कि नगर निगम का अमला कब और कैसे कार्यवाही अंजाम दे दे इसका कोई पता ठिकाना नहीं रहता है। मुख्य डाकघर के पीछे एक अतिक्रमण कर्ता के विरुद्ध पीड़ित पक्ष द्वारा की गई शिकायतों को नजरअंदाज करते हुए निगम ने येन केन प्रकारेण उसे आवास योजना की कुछ किस्तें भी जारी कर दी। इस संबंध में पीड़ित पक्ष द्वारा सीएम हेल्पलाइन में जो शिकायतें की गई थी उसमें निगम अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा मनमाने उत्तर देकर शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था जिस पर पीड़ित पक्ष ने न्यायालय में प्रकरण दायर किया है। इस संबंध में नजूल विभाग की कार्रवाई सराहनीय रही। उसने स्वीकृत पट्टे के विरुद्ध किए जा रहे अवैध अतिक्रमण और निर्माण को लेकर अपने स्पष्ट रिपोर्ट और पंचनामा वरिष्ठ अधिकारियों को देखकर निगम प्रशासन की पोल खोल कर रख दी।


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By nit

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