अशफाक कायमखानी, जयपुर/हैदराबाद, NIT:
ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के हुये चुनाव के आये परिणाम में टीआरएस बड़ा दल होने के बावजूद उसको निवर्तमान सदस्य संख्या बल के मुकाबले बड़ा नुकसान हुवा है। जबकि टीआरएस के मुकाबले भाजपा को बडा फायदा हुआ है। एआईएमआईएम को निवर्तमान सदस्यों के मुकाबले कोई भी नुकसान नहीं होने के साथ साथ कुल 150 सीटों में से कांग्रेस मात्र दो सीट जीतकर अपनी पुरानी स्थिति को मुश्किल से बहाल रख पाई है।
कल ग्रैटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कारपोरेशन के आये परिणाम के अनुसार टीआरएस ने 56 सीट जीती है जबकि भाजपा ने 48 सीटें जीती है, एआईएमआईएम ने 44 व कांग्रेस ने मात्र 2 सीट जीती है। टीआरएस, भाजपा व कांग्रेस ने सभी सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये थे जबकि एआईएमआईएम ने केवल 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये थे।
ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के पिछले चुनावों में जीतने वाले उम्मीदवारों व व आये परिणामों पर तुलनात्मक नजर डालते हैं तो पाते हैं कि टीआरएस के निवर्तमान सदस्य 99 की जगह अब 56 सदस्य जीतने पर 43 सीटों का नुकसान हुआ है। इसी तरह एआईएमआईएम के 44 सदस्यों के मुकाबले 44 सदस्य जीतने पर एक सीट का नुकसान नहीं हुआ है। वहीं भाजपा के 3 सदस्यों के मुकाबले अब 48 सदस्य जीतने पर 45 सीटों का फायदा हुवा है। कांग्रेस के पहले दो सदस्य थे ओर अब भी दो सदस्य जीते हैं।
अलग अलग दल के खड़े किये गये उम्मीदवारों में से जीतने वाले उम्मीदवारों को प्रतिशत के आधार पर देखे तो एआईएमआईएम का परिणाम सबसे अच्छा 86.27 प्रतिशत रहा क्योंकि 51 में से 44 उम्मीदवार विजयी हुये। इसी आधार पर सभी 150 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने वाली टीआरएस, भाजपा व कांग्रेस का जीत का प्रतिशत 33.3, 32.00, व 1.33 रहा है।
कुल मिलाकर यह है कि ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कारपोरेशन चुनाव के मार्फत भाजपा को दक्षिणी भारत में जाने का रास्ता मिला है। उक्त चुनाव में कांग्रेस मात्र वोट कटुआ साबित हुई है जबकि मुश्किल हालात में भी एआईएमआईएम अपनी जमीन बचाने मे कामयाब रही है। क्षेत्रीय पार्टी टीआरएस को बड़ा नुकसान हुवा है, उसे अपनी रणनीति बदलने पर विचार करना होगा अन्यथा आगे जाकर उसकी जमीन खिसक सकती है।
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