गुलशन परूथी, इंदौर/भोपाल (मप्र), NIT:
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने छेड़छाड़ से परेशान पुत्री द्वारा पुलिस के गैर जिम्मेदाराना रवैये एवं अपराधी पर कार्यवाही नहीं होने से दुखी होकर आत्महत्या कर लेने पर राज्य शासन को पीड़िता के पिता को क्षतिपूर्ति के रूप में चार लाख रूपये एक माह में देने की अनुशंसा की है। राज्य शासन चाहे तो यह रकम दोषी कर्मचारियों से वसूल कर सकता है। मामला वर्ष 2018 का इन्दौर जिले का है। आयोग ने अपनी अनुशंसा में यह भी कहा है कि विधि के प्रावधानों में जहां महिला पुलिस अधिकारी या किसी अन्य महिला अधिकारी द्वारा एफआईआर लेख करना वैधानिक आवश्यकता है, तो इसके क्रियान्वयन के लिये एफआईआर लेखन में विलम्ब नहीं किया जाये। यदि पुलिस थानों में महिला बल की कमी है तो राज्य शासन द्वारा महिला बल में वृद्धि की जाये और कमी की पूर्ति की जाये साथ ही यदि थाने में महिला अधिकारी नहीं है और धारा 154 दण्ड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों की रिपोर्ट लेख की जानी है तो ऐसी स्थिति की शीघ्र जानकारी थाना प्रभारी, अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस व नगर पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को दूरभाष पर दी जाये एवं शीघ्र एफआईआर लिखवाई जाये। प्रकरण के अनुसार इन्दौर निवासी एक आवेदक ने आयोग को शिकायत की थी कि उसके घर के सामने रहने वाले एक व्यक्ति द्वारा तीन जुलाई 2018 को स्कूल जाते समय उसकी सोलह साल की पुत्री के साथ गंभीर छेड़छाड़ की गयी साथ ही फोटो खींचकर उसे फेसबुक पर अपलोड कर पब्लिकली वायरल किया गया। इसी दिन वह अपनी बेटी के साथ द्वारकापुरी थाने पर एफआईआर दर्ज कराने पहुंचा, तब वहां मौजूद पुलिसकर्मी द्वारा दूरभाष पर महिला एसआई से बात की गयी तथा कहा गया कि अभी महिला पुलिस नहीं है, इंतज़ार करो। शाम तक इंतज़ार किया। पुलिस ने न तो प्रकरण दर्ज किया और न ही महिला पुलिस को बुलाया गया। आवेदक चार जुलाई 2018 को पुनः थाने में जाकर बैठे रहे, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गयी। महिला एसआई एवं हेड कांस्टेबल द्वारा कोई सहयोग नहीं किया गया। पांच जुलाई 2018 को सुबह से पुनः थाने में रहे। दोपहर तीन बजे तक एफआईआर दर्ज नहीं की गयी। तीन बजे पुलिस द्वारा कहा गया कि हमें अपराधी का घर दिखाओ। उन्हें अपराधी का घर दिखाया गया किन्तु पुलिस द्वारा अपराधी से बातचीत कर केवल समझाईश दी गयी परन्तु एफआईआर दर्ज नहीं की गयी। इसी दिन शाम को अपराधी की मां द्वारा धमकी देकर बताया गया कि पुलिस को 35 हज़ार रूपये रिश्वत दे दी है अब पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करेगी। उसने आवेदक के घर में आकर धमकी दी कि तुम्हारी लड़की को घर से उठवाकर तेज़ाब डालकर मार डालेंगे। इसी दिन रात नौ बजे आवेदक की बेटी ने पुलिस के गैर जिम्मेदाराना रवैये एवं अपराधी पर कार्यवाही नहीं होने से दुखी होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आयोग द्वारा इस गंभीर मामले की लगातार सुनवाई करने के उपरांत उपरोक्त अनुशंसा की गई है।
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