जब तक सूरज-चांद रहेगा, मोहम्मद का नाम रहेगा जैसे नारों से गूंजा भोपाल का इक़बाल मैदान | New India Times

अबरार अहमद खान, स्टेट ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:

जब तक सूरज-चांद रहेगा, मोहम्मद का नाम रहेगा जैसे नारों से गूंजा भोपाल का इक़बाल मैदान | New India Times

फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा पैग़म्बर मोहम्मद स.अ.व. के बारे में अपशब्द कहे जाने को लेकर भोपाल के कांग्रेसी विधायक आरिफ मसूद के आह्वान पर हज़ारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग इक़बाल मैदान में एकत्रित हो कर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की। बताया जा रहा है कि कल 2:30 बजे से शुरू होने वाले कार्यक्रम के लिए लोगों का इकबाल मैदान पहुंचना दोपहर लगभग एक बजे से ही शुरू हो गया था। इस मौके पर शहर क़ाज़ी सैय्यद मुश्ताक़ अली नदवी ने लोगों को को संबोधित करते हुए कहा कि पैग़म्बरे इस्लाम नबी पाक स.अ.व. ने दुनिया में अमन और भाईचारे का संदेश दिया है, फ्रांस के राष्ट्रपति ने जो गु़स्ताख़ी की है वह बरदाश्त नहीं की जायेगी। वहीं मुफ्ती-ए-शहर भोपाल अबुल कलाम क़ासमी ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति का बयान शर्मनाक है इसकी पूरी दुनिया में मुख़ालिफ़त हो रही है, हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि भारत के मुसलमानों की तरफ से फ्रांस एम्बेसी को विरोध दर्ज करायें और फ्रांस के राष्ट्रपति अपने बयान पर माफी मांगें।

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कार्यक्रम के आयोजक विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि पूरी दुनिया रहमतुल्लिल आलमीन नबी-ए-पाक स.अ.व. की यौमे पैदाइश का जश्न मना रहा है, वहीं दूसरी ओर इस जश्न के मौके़ पर फ्रांस के एक पागल शिक्षक ने एक तस्वीर के माध्यम से हमारे नबी की शान में गुस्ताख़ी की। फ्रांस के राष्ट्रपति दिखने में तो इंसान लगते हैं लेकिन सोच और हरकतें शैतानों वाली हैं। जिस तरह हमारे नबी की शान में गुस्ताख़ी की जिससे दुनिया के करोड़ों मुसलमानों में नाराज़गी है। फ्रांस का जबरदस्त तरीके से विरोध करने के लिए फ्रांस की सामग्री का बइकाॅट कर इनके द्वारा बनाये जाने वाले प्रोडक्ट का बहिष्कार करना चाहिए।

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आगे आरिफ मसूद ने कहा कि भारत सरकार को मुसलमानों के जज़्बातों का ख़्याल रखते हुए अपने राजदूत को बुलाकर इस बयान की मज़म्मत करना चाहिए। बहुत अफसोस की बात है कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रो ने इस्लाम और इस्लाम के रहनुमा पैग़म्बर साहब को निशाना बनाने वाले कार्टून के प्रदर्शन को बढ़ावा दिया है और जानबूझ कर मुसलमानों की आस्था को चोट पहुंचाने की कोशिश की है। फ्रांस के राष्ट्रपति को इस्लाम धर्म की कोई समझ नहीं है उसके बावजूद भी उन्होेंने इस्लाम धर्म पर हमला करके दुनिया भर के करोड़ों मुस्लमानों की भावनाओं को आहत किया है।विधायक आरिफ मसूद ने फ्रांस के राष्ट्रीय ध्वज को आग के हवाले किया उसके बाद सभा के बाद कलेक्टर के मार्फत फ्रांस दूतावास के नाम एक ज्ञापन प्रेषित किया गया है, जिसमें अपने कहे पर माफी मांगने और भविष्य में ऐसी हिमाकत न करने की मांग की गई है। इस अवसर पर क़ाज़ी-ए-शहर जनाब सैय्यद मुश्ताक़ अली नदवी एवं मुफ्ती-ए-शहर जनाब अबुल कलाम क़ासमी के साथ साथ हज़ारों की संख्या में लोग उपस्थित हुए।


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