मन में भाव हो सेवा का तो सेवा किसी भी रूप मे दी जा सकती है: अधिवक्ता बरखा श्रीवास्तव | New India Times

संदीप शुक्ला/बरखा श्रीवास्तव, ग्वालियर (मप्र), NIT:

मन में भाव हो सेवा का तो सेवा किसी भी रूप मे दी जा सकती है: अधिवक्ता बरखा श्रीवास्तव | New India Times

नयी शुरुआत एक बार फिर प्रयास जारी है सेवा समर्पण का भाव और उद्देश्य था हमेशा रहेगा उस मुस्कान से खूबसूरत और कुछ नहीं है, जो आसुंओ से संघर्ष कर आती हैं।

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ग्वलियर स्वर्ग सदन में आज अधिवक्ता बरखा श्रीवास्तव जी, मीनू परिहार जी, महादेवी परिहार जी, योगेश गुप्ता जी, रवि प्रजापति ने आज वहां रह रहे लोगों के बीच पहुंच कर उन के साथ छोटी सी खुशियों में सम्मिलित हुये और अपने पिता समान बड़े बुजुर्ग लोगों का आशिर्वाद लिया और उनके साथ समय बिताया।


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