ईद उल अज़हा, रक्षाबंधन के समय में लॉक डाउन के निर्णय पर पुनर्विचार करे मध्य प्रदेश शासन: हाजी हारून | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:

ईद उल अज़हा, रक्षाबंधन के समय में लॉक डाउन के निर्णय पर पुनर्विचार करे मध्य प्रदेश शासन: हाजी हारून | New India Times

जमीअत उलमा मध्यप्रदेश के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद हारून ने एक पत्रकार वार्ता का आयोजना किया जिस में उन्हों ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आगमी 25 जुलाई से शहर में लॉक डाउन के एलान पर मध्य प्रदेश शासन को पुनर्विचार करना चाहिये। हाजी हारून ने कहा कि त्योहारो के समय में इस तरह पूर्ण लॉकडाउन किया जाना उचित नहीं है जबकि ऐसे समय जब सबसे ज्यादा मस्जिदों और मंदिरों में ही सोशल डिस्टेन्स का खयाल रखा जा रहा है वही पर सबसे ज्यादा पाबंदी लगाई जा रही है एक तरफ तो सरकार शराब की दुकानों को खोलने की इजाज़त दे रही है जहां भीड़ उमड़ है, राजनीतिक रैलिया हो रही वही अब त्योहारो के ठीक समय मे लोक डाउन किया जाना बिल्कुल उचित नहीं है मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ईद और रक्षाबंधन के समय में लॉक डाउन करना अनुचित है। मध्यप्रदेश सरकार त्योहारों पर लगातार लॉकडाउन लगा रही है इसे छोटे व्यापारियों को काफी नुकसान होगा और विशेष कर किसानों और पशु व्यापारियों को बड़ा नुकसान होगा जो बकरा भैंस आम दिनों में कम दामों में मिलता है ईद के समय उसकी कीमत बढ़ जाती है जिससे किसानों से लेकर हर तरह के व्यापारियों को बड़ा फायदा होता है। फैक्ट्रियों में जानवरों का वेस्ट इस्तेमाल होता है जो एक बड़ा नुकसान है इससे फैक्ट्रियों तक को नुकसान है और आम ग़रीबों को आस थी कि ईद और राखी पर उनके परिवारों के लिए अच्छी कमाई होगी और त्योहारों के इंतेज़ाम होंगे पर मध्यप्रदेश सरकार के लॉक डाउन के निर्णय ने हर तबके को निराश कर दिया है। इससे पूर्व रमजान और ईद तक लॉक डाउन लगा रहा इस कारण गरीबों को खाने पीने तक के लिए तरसना पड़ा, व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ था फिर ईद और रक्षाबंधन के मौके पर लॉकडाउन लगाया जा रहा है फिर आम जनता ग़रीब ज़रूरतमंदों की कोई फिक्र नहीं और मुस्लिम समाज का एक बड़ा त्योहार और हिन्दू भाईयों के बड़ा त्योहार दोनों ही क़रीब हैं जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार को लॉकडाउन लगाने का फैसला वापस लेना चाहिए और त्योहारों पर सहयोग प्रदान करना चाहिए न कि उन्हें बिगाड़ने की कोशिश। ईद वार्षिक त्योहार है जिसका मनाना मुस्लिम समाज के लिए महत्वपूर्ण है पर सरकार के इस फैसले पर मुस्लिम समाज में मायूसी है और हिन्दू भाई बहनों में भी रखी को लेकर मायूसी है। हाजी हारून ने कहा कि पिछले लॉक डाउन कोरोना की लड़ाई में सरकार पूरी तरह फेल हुई है, अगर समाज सेवी संस्थान जागरूक न होते तो संभलना मुश्किल होता। कारोबार पूरी तरह ठप पड़े हैं, मज़दूर तबक़ा परेशान है, लोगों के पास पैसा नहीं है, शराब की दुकानों पर भीड़ लगा है, नेता भीड़ इकट्ठा कर के प्रदर्शन कार्यक्रम कर रहे हैं, सरकार को त्योहारों पर ही लॉकडाउन और धर्म स्थलों पर कोरोना दिखाई दे रहा है।

हाजी हारून ने कहा त्योहारों पर लॉकडाउन करना या किसी प्रकार का प्रतिबंध लगाना अनुचित है, त्योहारों की तारीखों को छोड़ कर निर्णय लेना चाहिए और लॉक डाउन मसले का हल नहीं, जागरूकता से ही कोरोना से लड़ा जा सकता है। हाट बाज़रों को शहर से दूर कहीं लगवा कर जानवरों की खरीदारी और बिक्री को आसान करना चाहिए।

जमीअत उलमा मध्यप्रदेश के सभी पदाधिकारी पत्रकार वार्ता में मौजूद थे जिसमें हाजी मोहम्मद इमरान, मोहम्मद कलीम एडवोकेट, मुजाहिद मोहम्मद खान, मुफ़्ती मोहम्मद राफे, मुफ़्ती मोहम्मद सलमान, मौलाना हनीफ़, मौलाना मोहम्मद यासिर, मोहम्मद हनीफ़ अय्यूबी, फईम उद्दीन, मोहम्मद फरहान, मोहम्मद रिज़वान आदि ज़िला और प्रदेश के सभी पदाधिकारी मध्यप्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि ईद एवं अन्य त्योहारों के मौके पर किसी प्रकार से लॉक डाउन या कर्फ्यू न लगया जाए और शहर भोपाल के दस दिवस के लॉक डाउन को निरस्त किया जाए, नमाज़ क़ुर्बानी, सामूहिक क़ुर्बानी में सहयोग प्रदान किया जाए। आगमी सभी धर्मों के त्योहारों पर ध्यान दिया जाए की किसी तरह का लॉक डाउन कर्फ्यू न लगया जाए।


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