"हम चले संविधान बचाने, आओ हमारे साथ चलो। दूर खड़े हो पास आओ, आओ हमारे साथ चलो।।" दमोह शाहीनबाग को हुआ एक माह पूरा | New India Times

इम्तियाज़ चिश्ती, ब्यूरो चीफ, दमोह (मप्र), NIT:

"हम चले संविधान बचाने, आओ हमारे साथ चलो। दूर खड़े हो पास आओ, आओ हमारे साथ चलो।।" दमोह शाहीनबाग को हुआ एक माह पूरा | New India Times

केंद्र सरकार द्वारा लाया जा रहा नागरिकता कानून सीएए और एनआरसी के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है जिसमें महिलाएं और पुरुष वर्ग सड़कों पर आकर विरोध कर रहे हैं। दमोह में भी लगातार एक माह से महिलाएं नागरिकता क़ानून के खुलाफ़ बीच मैदान में तम्बू  लगाकर बैठी हैं और इनके विरोध करने का अंदाज सबसे जुदा है। वीडियो जमकर वायरल हो रहे है। दिल्ली के शाहीनबाग़ से दमोह के शाहीन बाग़ तक सिर्फ और सिर्फ इंक्लाब-इंक़लाब के नारे गूंज रहे हैं। मध्यप्रदेश के दमोह का मुर्शिद बाबा का मैदान अब शाहीनबाग़ में तब्दील हो गया है। यहाँ भी बीते एक माह से लगातार नागरिकता क़ानून सीएए और एनआरसी का विरोध जारी है।

"हम चले संविधान बचाने, आओ हमारे साथ चलो। दूर खड़े हो पास आओ, आओ हमारे साथ चलो।।" दमोह शाहीनबाग को हुआ एक माह पूरा | New India Times

यहां पर दिन में महिलाएं विरोध करने के लिये बैठती है तो शाम होते ही पुरुष वर्ग मोर्चा संभाल लेते हैं। महिलाएं ना सिर्फ विरोध जताती हैं बल्कि मंच से बाकायदा संबोधित करते हुए सरकार पर जमकर तंज भी कसती हैं। सैकड़ों की संख्या में यहां वो महिलाएँ विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बनी है जिन्होंने इस तरह के प्रदर्शनों में कभी हिस्सा नहीं लिया। इनकी मानें तो ये अपने हक़ के लिए यहां बैठी हैं और तब तक बैठी रहेगी जबतक सरकार क़ानून वापस नहीं लेती। साथ ही इनके द्वारा लगाए जा रहे नारे भी जमकर वायरल हो रहे हैं। आप भी सुनिये इस लड़की के दिल को छू लेने वाले नारे इनके द्वारा लगाए जा रहे नारों के वीडियो जमकर वायरल हो रहे हैं। दमोह का मुर्शिद बाबा मैदान अब शाहीनबाग़ में तब्दील हो गया है। आंदोलन में  समाज की वरिष्ठ महिलाओं ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि ये कानून देश को बाँटने वाला क़ानून है जिसे हम लागू नहीं होने देंगे।


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