अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

जेएनयू में विद्यार्थियों, शिक्षकों पर हुऐ हथियारबन्द हमले और दिल्ली पुलिस की संदेहास्पद सुस्ती के ख़िलाफ़ भोपाल शहर के तमाम आम नागरिकों, कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, कलाकारों, लेखकों, कवियों आदि ने बोर्ड ऑफिस चौराहे पर ज़ोरदार प्रदर्शन किया। कश्मीर मसले पर IAS से इस्तीफा देने वाले कन्नन गोपीनाथन भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जामिया, अलीगढ़ के बाद अब जिस तरह जेएनयू के विद्यार्थियों व शिक्षकों पर हथियारबन्द हमला हुआ है उससे केन्द्र की मोदी सरकार और भाजपा-संघ परिवार का हिंसक चेहरा बेनकाब हो चुका है। लोगों ने कहा कि रोज़गार, तालीम, अर्थव्यवस्था आदि तमाम मोर्चों पर असफल मोदी सरकार को CAA-NPR-NRC पर जिस अभूतपूर्व और व्यापक विरोध का पूरे देश में सामना करना पड़ रहा है उससे वह बौखला गई है। जेनएनयू पर हमला इसी बौखलाहट का नतीजा है।
गौरतलब है कि जेएनयू के विद्यार्थी वहाँ फीस में की गई भारी बढ़ोतरी के खिलाफ़ लम्बे समय से आन्दोलनरत हैं। सरकार विद्यार्थियों की जायज़ माँगों को मानने की बजाय उन पर हमले करवा रही है। यह भी साफ हो गया है कि इन हमलों के पीछे लोगों के बीच डर का माहौल बनाने की एक सोची-समझी साजिश है। सरकार असल में उसके जन-विरोधी कामकाज व नीतियों के खिलाफ़ लोगों के प्रतिरोध को दबाने के लिए इस तरह की शर्मनाक हरकतें कर रही है।
श्री कन्नन ने इस मौक़े पर कहा कि वर्तमान सरकार ने लोकतंत्र, न्याय व इंसानियत के हर तक़ाज़े को ताक पर रख दिया है। ऐसी सरकार का विरोध करना आज देश के हर नागरिक की सबसे बड़ी और प्राथमिक ज़िम्मेदारी है।
