मेहलक़ा अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
एमआईएम पार्टी जिस तेज़ी के साथ बुरहानपुर के राजनैतिक क्षितिज पर उभर कर सामने आई है उतनी तेज़ी के साथ इस पार्टी में राजनीतिक द्वेष भी बढ़ने के समाचार हैं। पुराने समर्पित एवं संघर्ष शील कार्यकर्ता जिन्होंने केंद्रीय नेतृत्व को विश्वास में लेकर इस पार्टी को नगर में स्थापित करने में वर्षों मेहनत की, उसको परवान चढ़ाया, उसमें अन्य राजनैतिक पार्टियों के विवादित नेताओं और व्यक्तियों को एमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष ने एंट्री देकर अन्य पार्टी से आए नेताओं को आगे बढ़ा कर बरसों पुराने समर्पित कार्यकर्ताओं की निरंतर उपेक्षा प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों द्वारा किए जाने की चर्चा चौराहों पर की जा रही है। जानकारी के अनुसार एमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अपनी पार्टी का सम्मान स्थापित करने के बजाए राजनीतिक विवाद को बढ़ाने में अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं। एमआईएम के जिलाध्यक्ष इमरान हुसैन ने बताया कि प्रदेश कार्यकारिणी की मीटिंग दिनांक 26.2.19 के प्रस्ताव अनुसार सर्वसम्मति से उन्हें एमआईएम का जिला अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन 6-10-19 को संभागीय अध्यक्ष ने उन्हें जिला अध्यक्ष पद से पृथक कर कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। हालांकि संभागीय अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर प्रदेश अध्यक्ष का एक पत्र वायरल करते हुए बताया कि प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें जिला और शहर की कमेटियों को भंग करने की हिदायत दी थी। प्रश्न यह है कि प्रदेश अध्यक्ष ने अपने अधिकारों के तहत स्वयं जिले की कमेटियों को भंग करने की कार्यवाही क्यों नहीं की? महसूस होता है कि प्रदेश अध्यक्ष, संभागीय अध्यक्ष के कांधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं। एमआईएम के जिलाध्यक्ष इमरान हुसैन का आरोप है कि संभागीय अध्यक्ष उनके विरुद्ध भ्रामक प्रचार करके उनकी राजनैतिक छवि को धूमिल कर रहे हैं। इमरान हुसैन के अनुसार संभागीय अध्यक्ष की छवि दूसरी राजनीतिक पार्टियों में अत्यंत खराब रही है। ईमानदारी से काम नहीं करने के कारण दूसरी पार्टियों ने उनको पृथक कर दिया है और उन्होंने एमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष को निरंतर गुमराह करके एमआईएम में प्रवेश लेकर वही हरकतें यहां भी करके फूट डालो और राज करो की नीति अपना रहे हैं। पार्टी के अधिकांशतः पूराने और समर्पित कार्यकर्तागण उनसे बेहद नाराज़ हैं। गुरुवार 24 अक्टूबर 2019 को विधानसभा चुनाव के परिणाम को लेकर जहां जश्न और उत्साह का वातावरण होना चाहिए वहीं एमआईएम की बुरहानपुर यूनिट के पदाधिकारियों ने जिले के पुलिस अधिकारियों से भेंट कर डाॅक्टर फ़रीद क़ाज़ी के विरुद्ध शिकायत करके जांच करने की मांग की है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करके इस राजनैतिक संकट और विवाद को समाप्त करने के प्रयास करने की आवश्यकता मेहसूस की जा रही है अन्यथा बुरहानपुर में एमआईएम का अस्तित्व खत्म हो सकता है।
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