Edited by Maqsood Ali, नई दिल्ली, NIT:
दिल्ली में बीते कई महीनों से प्रदूषण खत्म करने के नाम पर फैक्ट्रियों और कारखानों को सील करने का सिलसिला लगातार जारी है जिसकी वजह से बड़ी तादाद में लोग बेरोजगार हो रहे हैं। इसी कड़ी में कुछ रोज़ पहले विकासपुरी की कुम्हार काॅलोनी में मिट्टी से बर्तन बनाने वाली करीब 22 भट्टियों को सील कर दिया गया जिसकी वजह से सैकड़ों मजदूरों के घरों में तंगदस्ती और बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई है।
आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर कुम्हार काॅलोनी के प्रधान प्रभू प्रजापति, मक्की मस्जिद इलाके के मोनी प्रधान, अनीस राना और वेलफेयर पार्टी दिल्ली प्रदेश के सहयोग से एक बड़ा मुज़ाहरा इसके खिलाफ हुआ जिसमें हजारों की तादाद में मिट्टी से बर्तन बनाने वाले मजदूर, महिलाएं और वेलफेयर पार्टी के कार्यकर्ता शामिल हुए ।
इस मौके पर दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सिराज तालिब ने खिताब करते हुए कहा कि मिट्टी की कला भारत की सभ्यता और पहचान है मिट्टी से बने हुए बर्तन इस्तेमाल करने से कोई प्रदूषण नहीं होता है क्योंकि मिट्टी से बनी हुई चीज़ें मिट्टी में ही मिल जाती हैं जो पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है । सिराज तालिब ने कहा कि यह सरकार मजदूर विरोधी है इनकी हर पाॅलिसी पूंजीपतियों के फायदे के लिए होती है इस सरकार का काम है गरीबों से खींचना, अमीरों को सींचना।
सिराज तालिब ने आगे कहा कि बेरोजगार हुए सभी कुम्हारों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए ।
इस मौके पर वेलफेयर पार्टी के प्रदेश संगठन सचिव आरिफ़ अख़्लाक़ ने अपने खिताब में कहा कि सरकार अगर प्रदूषण रोकने के नाम पर लोगों को बेरोजगार कर रही है तो यह विकास नहीं बल्कि विनाश है जिसका नुकसान पूरे देश को होगा इसलिए पहले रोजगार के मौके फराहम किए जाने चाहिए।
आरिफ़ अख़्लाक़ ने कहा कि हम सरकार से यह मांग करते हैं कि जिन कुम्हारों की भट्टियों को सील किया गया है जल्द से जल्द उन भट्टियों से सील हटाए या उन भट्टियों को कहीं दूसरी जगह शिफ्ट करके इनके कारोबार को बहाल करे।
प्रदर्शन में प्रजापति समाज के कई युवा और नेताओं ने अपनी बातें रखीं।
इस मौके पर वेलफेयर पार्टी विकासपुरी विधानसभा अध्यक्ष आबिद मलिक, इमरान बेग, मु॰ शहज़ाद, उमर दराज, ओखला से मिशकात हाशमी, अब्दुल सत्तार के अलावा सैंकड़ों लोग शामिल हुए।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.