अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
राजस्थान के 200 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 100 विधायकों की गिनती के बाद अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही लगने लगा था कि अशोक गहलोत अपने 2008-2013 के मुख्यमंत्री काल के समय अपनी बिना बहुमत वाली सरकार को स्थायित्व देने के लिये उस समय भी सभी 6 बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया था। उसी तरह इस बार भी किसी भी समय बसपा के सभी विधायकों को कांग्रेस में शामिल करके विरोधी दल भाजपा व कांग्रेस के अंदर मौजूद अपने विरोधियों को झटका दे सकते हैं।
बसपा के सभी 6 विधायकों ने बसपा विधायक दल का कांग्रेस में विलय होने का विलय पत्र आज रात्री को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को सौंपा। विलय पत्र सौंपने वालों में बसपा विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना, लाखन मीणा, दीपचंद खेरिया, संदीप यादव, राजेंद्र सिंह गुढ़ा व वाजीब अली शामिल थे।
कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान विधानसभा के दो रिक्त सदस्यों की संख्या के बाद बसपा के विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर कांग्रेस विधायकों की संख्या अब 106 हो जायेगी। एक साथी दल के विधायक के अलावा 12 में से 11 निर्दलिय विधायकों का कांग्रेस को समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा दो माकपा व दो भारतीय ट्राईबल पार्टी के विधायक सदन में मोजूद हैं जो तटस्थ की भूमिका निभा रहे हैं। बसपा विधायकों के कांग्रेस ज्वाइन करने को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की व्यक्तिगत उपलब्धि बताया जा रहा है।
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