राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

देवरी विकासखण्ड के गौरझामर कस्बे के एक मात्र कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल में अध्ययनरत 930 छात्राएं शासन- प्रशासन की बेरूखी के चलते 33 वर्ष पुराने जर्जर भवन में बैठने को मजबूर हैं। विगत वर्षों में विभाग एवं तंत्र की उपेक्षा के कारण छात्राओं की संख्या विद्यालय भवन की क्षमता से 4 गुना हो जाने के बाद भी न तो नया स्कूल भवन बन सका है और न ही नये कक्षों का निर्माण हो सका है। नतीजन विद्यालय की छतों से पानी टपक रहा है। गौरझामर का एक मात्र कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल है परंतु आज भी विभागीय अपेक्षा के कारण छात्राएं पानी भरी क्लासों में बैठने को मजबूर हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र के माध्यम से कराया अवगत
वहीं स्कूल के प्राचार्य बताते हैं कि हमने कई बार जनपद पंचायत, बीआरसी सहित जिला कलेक्टर को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है जिससे बरसात के मौसम में बारिश के कारण सभी छात्राएं परेशान हैं जो उनकी पढाई मे बाधा बन रहा है।
बालिका शिक्षा के लिए जन सहयोग से बना था स्कूल
देवरी विकासखण्ड के सबसे बड़े कस्बे गौरझामर में बालिका वर्ग के लिए हायर सेकेण्डरी शिक्षा के आभाव के चलते वर्ष 1985 में ग्राम के जागरूक ग्रामीणों द्वारा नई पहल प्रस्तुत करते हुए जन सहयोग से नगर के मध्य
में विद्यालय भवन का निर्माण कराया था। उक्त भवन के निर्माण के लिए प्रेरणा बनी ग्राम की गिरजा बाई
पटेल द्वारा भवन निर्माण के लिए भूमि एवं 35 हजार रूपये दान राशि प्रदान की गई थी। उक्त विद्यालय भवन
का लोकार्पण म.प्र. शासन के तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री चन्द्रकांत जयसवाल द्वारा किया गया था। विद्यालय
में 6 कमरों का निर्माण कराया गया था।
भवन हुआ जर्जर दुर्घटना की आशंका
33 वर्ष पूर्व निर्मित हुआ शासकीय कन्या हायर सेकेण्डरी विद्यालय गौरझामर का भवन जर्जर हो चुका है।
दीवारों में जगह-जगह दरारें पड़ चुकी हैं एवं छत से नुमाया हो रहे लोहे के सरिया भवन की जीर्ण शीर्ण स्थिति
बयां कर रहे हैं। विद्यालय के 2 कक्षों में खपरेल जर्जर होने के कारण पन्नी लगाकर सिर ढकने का इंतजाम किया गया है।
पूर्व में आई भवन की राशि हुई वापस
गौरझामर कस्बे में कई वर्षों से जगह की कमी से जूझ रही बालिकाओं की इस समस्या को लेकर स्थानीय जागरूक जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन की जागरूकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शासन द्वारा विद्यालय भवन निर्माण के लिए जारी की गई 89 लाख रूपये की राशि स्थान न बताये जाने के कारण लेप्स हो गई। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक विद्यालय भवन निर्माण के लिए पुनः कार्रवाई की गई है परंतु वह कब तक परवान चढ़ सकेगी इसका जबाब उनके पास भी नही है।
क्षेत्र के सभी स्कूलों की जानकारी मांगी गई थी तो उसकी जानकारी आज जिला शिक्षा अधिकारी को स्टीमेट सहित भेजी है: आर.के.जैन विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी देवरी।
विद्यालय भवन के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी विभागीय अधिकारियों एवं जिला कलेक्टर महोदय को भेजी गई थी पीडब्लूडी से इंजीनियर भी आये थे परंतु मरम्मत के लिए अभी तक कोई आवंटन नही आया है: एस.एस.ठाकुर प्रार्चाय।
हमने इंजीनियर को इस्टीमेट बनाने को कहा है।इसकी मरम्मत का काम बारिश के बाद ही शुरू हो पाएगा:
पूजा जैन सीईओ जनपद पंचायत देवरी।
