अरशद आब्दी, ब्यूरो चीफ, झांसी (यूपी), NIT:
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों को प्रयोगशाला समझकर उत्तर प्रदेश सरकार अनुपयोगी प्रणाली थोपती चली आ रही है। इससे शिक्षक विभिन्न समस्याओं से ग्रसित हो रहे हैं। प्रेरणा एप से सेल्फी के माध्यम से उपस्थिति शिक्षकों की निजता का हनन है साथ ही इसके दुरूपयोग की पूर्ण सम्भावना है। शिक्षा भवन परिसर में हज़ारों की संख्या में शिक्षक एकत्रित हुए और यहां विशाल धरना-प्रदर्शन व सभा हुई। इसके बाद शिक्षक कतारबद्ध होकर ज़िलाधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया।
बाईस सूत्रीय मांगों में प्रेरणा एप वापसी, पुरानी पेन्शन बहाली, न्यूनतम 17140/18150 रूपये वेतनमान करने, चिकित्सीय सुविधा, मृतक आश्रितों की योग्यतानुसार नियुक्ति, अनावश्यक विभागीय कार्यवाही पर रोक, 5 लाख रूपये बीमा राशि करने, राज्य कर्मचारियों की भांति पारिवारिक पेन्शन, समायोजन में एकरूपता, संविलियन कर पद समाप्ति पर रोक लगाने, रिक्त पदों के सापेक्ष पदोन्नति, गैर शैक्षिक कार्यों से विमुक्त करने, विद्यालयों में लिपिक, अनुचर की नियुक्ति, परिवार नियोजन भत्ता पर लगी रोक वापस लेने, केन्द्र के शिक्षकों के समान भत्ते प्रदान किये जाने की मांगें प्रमुख रहीं।
इस दौरान जितेन्द्र दीक्षित, संजीव तिवारी, मृत्युञ्जय सिंह, देवेश शर्मा, संजीव बुधौलिया, वीरेन्द्र पटेरिया, भारत भूषण राय, अब्दुल नोमान, नितिन चौरसिया, अनिरुद्ध रावत, संजीव रावत, अरुण निरञ्जन, राजेन्द्र निरञ्जन, शिवकुमार पाराशर, चरण सिंह पटेल, गोविन्द निरञ्जन, भूपेन्द्र व्यास, चन्द्रभानु दुबे, मृत्युञ्जय चतुर्वेदी, रविन्द्र प्रकाश, धर्मेन्द्र दुबे, मन्जू तिवारी, चौधरी धर्मेन्द्र, विनीता मिश्रा, शीरीन अली, ज्योत्स्ना खरे, अमित पाण्डेय, अमित स्वर्णकार, छाया निरञ्जन, रानी शर्मा, मुज़फ्फर अली, विपिन पाल, प्रदीप चौरसिया, अविनाश गोस्वामी, विवेक पाण्डेय, हर्षेन्दु गोस्वामी, हेमन्त खरे, प्रदीप चौरसिया, मनोज विश्वकर्मा, सुदामा प्रसाद, शिवम रिछारिया, रामराजा शिवहरे, अज़हर अली, असीम अली, देवी प्रसाद, अजय मंगलम, पंकज तिवारी, सचिन निरञ्जन, अभिषेक खरे, संजीव अरजड़िया, दीपक बिरथरे, मोहित वैद्य आदि मौजूद रहे।
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