आबकारी विभाग व टांडा कोतवाली पुलिस की मिलीभगत से धड़ल्ले से खुलेआम बिक रही है जहरीली ताड़ी, मीडिया टीम के खुफिया कैमरे में कैद हुआ जहरीली ताड़ी बेचने का कारोबार | New India Times

गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:

आबकारी विभाग व टांडा कोतवाली पुलिस की मिलीभगत से धड़ल्ले से खुलेआम बिक रही है जहरीली ताड़ी, मीडिया टीम के खुफिया कैमरे में कैद हुआ जहरीली ताड़ी बेचने का कारोबार | New India Times

आबकारी विभाग व टांडा कोतवाली पुलिस की मिलीभगत से क्षेत्र में धड़ल्ले से जहरीली ताड़ी बिक रहा है। मीडिया टीम के खुफिया कैमरे में जहरीली ताड़ी बेचने का कारोबार केद हुआ है।
आबकारी विभाग और पुलिस को मोटी रकम मिल रही है विभाग ने चुप्पी साध रखी है। टांडा कोतवाली क्षेत्र के रामपुर खेतापुर में वर्षों से जहरीली ताड़ी का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। सरकार ने ताड़ी के व्यापारी को ताड़ी बेचने का लाइसेंस जारी किया है ना की जहर बेचने का, वर्षों से जहरीली ताड़ी की दुकान शांति देवी के नाम पर चल रहा है। आखिर कब तक मौत का खेल चलता रहेगा? क्यों नहीं जागते अधिकारी, क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही हैं? आबकारी अधिकारी तो अपने दफ्तर में आराम फरमा रहे हैं इधर नौजवानों का भविष्य व कई घरों के चिराग बुझने के कगार पर हैं।आबकारी विभाग व टांडा कोतवाली पुलिस की मिलीभगत से धड़ल्ले से खुलेआम बिक रही है जहरीली ताड़ी, मीडिया टीम के खुफिया कैमरे में कैद हुआ जहरीली ताड़ी बेचने का कारोबार | New India Times

टांडा क्षेत्र के रामपुर खेतापुर स्थित ताड़ी कस की दुकान पर ताड़ी को पीने के लिए रोज सुबह शाम पियक्कड़ों व दूर – दूर से खरीदने आये ब्यापरियों का जमावड़ा लग जाता है।जिसमें केवल वयस्क ही नहीं बच्चे भी शामिल होते हैं। सूत्र बताते हैं कि ताडी के पेड़ों से ताड़ी निकालने के बाद इस धंधे से जुड़े कारोबारियों के द्वारा मिलावट का खेल खेला जाता है। और ताड़ी में नींद की टेबलेट और कई नशीले पदार्थ मिलाकर उसे इतनी अधिक नशीली बना दी जाती है। कि लोग अंग्रेजी शराब भूलकर ताड़ी का आनंद ले रहे हैं।
जबकि क्षेत्र में अवैध रूप से बिक्री की जा रही ताडी से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बीते दो वर्ष पहले जहरीली ताड़ी पीने से एक युवक की मौत हो गई थी क्योंकि विक्रेताओं द्वारा नौनिहालों को भी खुलेआम इस अवैध धंधे से जोड़ कर रखा जा रहा है। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी मौन बैठे हुए हैं अधिकारी की नींद तो किसी बेकसूर के मौत के बाद ही जागती है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading