जफर खान, अकोट/अकोला (महाराष्ट्र), NIT:
अकोला जिला के अकोट तहसील कार्यालय में जहां लोग दलालों से परेशान हैं वहीं तहसीलदार गिते की लापरवाही और अड़ियल रवैये ने लोगों की परेशानी को और बढ़ा दिया है। यहां राशनकार्ड धारकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। तहसील कार्यालय में राशन कार्ड के दस्तावेज पूरी तरह जमा करवाने के बाद भी कई दिनों व महीनों तक तहसील कार्यालय के चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ रहा है जिसे लेकर लोगों में तहसीलदार के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है।
तहसीलदार गीते अपने कार्यों में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहे हैं जबकि तहसीलदार कार्यालय में एजेंटों की भरमार दिखाई दे रही है। यहां एजेंटों के कहने पर ही काम होता है बाकी लोगों को चक्कर काटना पड़ता है।
यदि किसी मामले में मीडिया कर्मी तहसीलदार से कोई प्रतिक्रिया मांगते हैं तो तहसीलदार गीते दबंगई पर उतारू हो जाते हैं और कहते हैं कि जो होता है वह कर लो। अब सवाल यह उठता है कि जब तहसीलदार गिते इस तरह के अभद्र शब्दों का इस्तेमाल रिपोर्टरों के साथ करते हैं तो फिर वह आम जनता के साथ कैसा व्यवहार करते होंगे???
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