रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
झाबुआ जिले के मेघनगर में स्कूल सत्र चालू होने वाला हैं, बच्चों के एडमिशन व जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकार ने आधार कार्ड को विशेष आधार माना है। भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की पहचान का आधार स्तंभ ही आधार है, ऐसे में आधार कार्ड बनाने के लिए सरकार के द्वारा बैंकों, डाक घरों की शाखाओं में आधार कार्ड को सरल व आसानी से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के रहवासियों को उपलब्ध हो इस तरह की सुविधा दी है लेकिन अधिकारियों की हिटलर शाही के चलते जनता परेशान है। आधार कार्ड बनवाने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ रही है।
थांदला विधान सभा में 128 पंचायतें आती हैं। इन दिनों आधार कार्ड बनाने के लिए थांदला विधान सभा में 18 से भी अधिक आधार कार्ड बनाने के लिए सेंटर हैं इनमें मात्र इक्का-दुक्का सेंटर ही चालू हैं। ऐसे में ग्रामीणों को आधार कार्ड बनाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह 7 बजे से ग्रामीण भूखे प्यासे अपने घर को छोड़कर बैंकों की लंबी कतारों में लग जाते हैं और देर रात तक आधार कार्ड बनाने एवं फॉर्म पाने के चक्कर में भूखे प्यासे बैठे रहते हैं। मेघनगर स्टेट बैंक ग्रामीण व मध्य्प्रदेश ग्रामीण बैंक का हाल बेहाल है। यहां ना तो बैठने की उचित व्यवस्था है और ना ही पीने के लिए पानी, ऐसे में ग्रामीण अपने छोटे बच्चों को लेकर चिलचिलाती धूप गर्मी में बेहाल हो रहे हैं।

बुधवार को ग्रामीणों ने पत्रकारों को अपनी पीड़ा बताते हुए रूबरू करवाया और कहा कि हम दस दिनों से आधार कार्ड बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं लेकिन आधार कार्ड का फार्म तक नहीं मिल पाये, तभी मीडिया बैंक पहुंचा व नावनगत स्टेट बैंक के मैनेजर बी एम बैरागी से पूरी स्थिति का जायजा लिया। जिसके बाद इक्का-दुक्का आधार कार्ड के फॉर्म बांटे गए। आधार कार्ड फॉर्म पाने के लिए इतनी भगदड़ मची थी कि महिला एवं छोटे बच्चों को अफरा तफरी में रौंद धक्का-मुक्की की गई। अब बड़ा सवाल यह है कि जिस आधार कार्ड को महत्वपूर्ण स्थान पूर्व व वर्तमान की सरकार मुख्य आधार स्तंभ मानती है उसको पाने के लिए इतनी जद्दोजहद उचित है क्या या फिर सरकार को नवीन आधार कार्ड बनाने के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए?
थांदला विधानसभा क्षेत्र में 18 से अधिक आधार कार्ड बनाने सेंटर है। लेकिन कुछ ही चालू है इसकी शिकायत मैंने अपने आधार बेक के आला अधिकारी के साथ थादला व मेघनगर एसडीएम को कर चुका हूं। आप अन्य बैंकों में भी आधार कार्ड बनवाना प्रारंभ करें जहाँ अभी बंद है।अन्य जगह नवीन आधार कार्ड न बनाए जाने से थांदला एरिया की जनता भी मेघनगर स्टेट बैंक में रुख कर रही है जिससे बैंकिंग के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इतना ही नहीं सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान रखते हुए मैंने मेघनगर थाना प्रभारी और एसडीएम से सुरक्षा की भी बात कही लेकिन उन्होंने कोई पुलिस जवान नहीं भेजें जिससे हमेशा अफरा तफरी होने से बैंक में कैश पर खतरा व अन्य विवादों का डर बना रहता है। आधार कार्ड हमारी ब्रांच में दिन भर मेहनत करने पर लगभग 50 ही बन पाते हैं ऐसे में 300 के करीब रोज नए आधार कार्ड बनाने की आवश्यकता है: भारतीय स्टेट बैंक मैनेजर बी एम बैरागी
