रहीम शेरानी, झाबुआ/भोपाल (मप्र), NIT:
भोपाल लोकसभा सीट से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के चुनावी दंगल में उतरने से भाजपा ख़ेमे में हल चल मच गई है। भोपाल लोकसभा सीट पर पिछले 30 वर्षो से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है।
लोकसभा चुनाव-2019 पूरे देश में काफी बडा रोचक होता जा रहा है। मध्य प्रदेश की सबसे चर्चित भोपाल की लोकसभा सीट इस बार सुर्खियों में आकर चर्चा का केंद्र बनी हुई है। कांग्रेस हाई कमान ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को चुनावी दंगल में उतारकर भाजपा ख़ेमे में हल चल मचा दी हैं।
मध्य प्रदेश की राजनीति में चाणक्य समझ रखने वाले दिग्विजय सिंह भोपाल लोकसभा सीट से चुनावी समर में उतर रहे हैं। भोपाल लोकसभा सीट पर पिछले 30 वर्षो से भारतीय जनता पार्टी ने कब्ज़ा करके रखा है। भोपाल लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती हैं। कांग्रेस ने भोपाल सीट पर अपने तरकश में से दिग्विजय रुपी तीर निकालकर भाजपा के किले को भेदने के लिए निशाना लगा दिया हैं। जहाँ कांग्रेस कार्यकर्ताओ में भोपाल से दिग्विजय सिंह को लड़ाने पर ख़ुशी और उत्साह हैं वही भाजपा में हल चल मची हुई हैं। अब भारतीय जनता पार्टी को भोपाल सीट बचाने के लिए एड़ी छोटी का जोर लगाते हुए पूरी ताकत लगाना पड़ेगी। क्योंकि पिछले 30 वर्षो से कांग्रेस भोपाल से कोई दमदार प्रत्याशी नहीं उतार पाई थी। लिहाज़ा भाजपा ने भोपाल सीट आसानी से जीतते हुए 30 वर्षो से कब्ज़ा कर रखा हैं। पर अब भोपाल के चुनावी मैदान मे दिग्विजय सिंह जैसा दमदार पहलवान आ गये हैं। और भाजपा के लिए इस पहलवान को पटखनी देना आसान नहीं माना जा रहा है भारतीय जनता पार्टी के लिए भोपाल लोकसभा सीट प्रतिष्ठा का विषय बन गई हैं। और भोपाल सीट पर कब्ज़ा बरकरार रखने की चुनोती भी हैं।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.