प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में फर्जीवाड़ा, लखनऊ के बक्शी तालाब में वकीलों ने की सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट | New India Times

मसूद उर रहमान, लखनऊ (यूपी), NIT:

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में फर्जीवाड़ा, लखनऊ के बक्शी तालाब में वकीलों ने की सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट | New India Times

फर्जी डाटा फ़ीड नहीं करने पर लखनऊ के बक्शी तालाब में वकीलों ने सरकारी कर्मचारियों के साथ मार पीट की। उप कृषि निदेशक लखनऊ डॉ सीपी श्रीवास्तव ने पूरे मामले से उप जिलाधिकारी बख्शी का तालाब को अगाह किया फ़िर भी दोषियों के विरुद्ध अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर बख्शी का तालाब तहसील में तहसील कर्मचारियों द्वारा आज विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

किसानों की दशा और दिशा बदलने के लिए मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई किसान सम्मान निधि योजना में भी बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया है। इस योजना के अंतर्गत फर्जीवाड़ा कर अपात्र लोगों का पंजीकरण कराने का मामला लखनऊ के बक्शी का तालाब तहसील में प्रकाश में आया है। यहां पर कृषि प्राविधिक पद पर तैनात संतोष यादव सरकार के इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जहां दिन रात एक किए हुए हैं वहीं उन्हें क्षेत्र के कुछ भ्रष्टाचारियों का भी कड़ा विरोध झेलना पड़ रहा है। गत दिनों उन्हें उनका यह कहना कि इस योजना में नियमानुसार केवल पात्र लोगों का ही रजिस्ट्रेशन किया जाएगा वहां मौजूद वकील अनिल द्विवेदी और वकील राजीव आदि को सख़्त नागवार गुजरा और उन्होंने कंप्यूटर कक्ष में घुसकर संतोष यादव व अन्य कंप्यूटर ऑपरेटरों के साथ जमकर मारपीट की जिससे वहां अफरा-तफरी फैल गई और सरकारी काम बाधित होकर रह गया। सूचना मिलने के फौरन बाद ही लखनऊ के उप कृषि निदेशक डॉ सीपी श्रीवास्तव ने लिखित शिकायत देकर उप जिलाधिकारी बख्शी के तालाब को पूरे प्रकरण से आगाह कराया लेकिन अभी तक इस संबंध में दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी नहीं दर्ज होने से तहसील कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर यहां तहसील कर्मचारियों ने बख्शी का तालाब तहसील में धरना प्रदर्शन कार्यक्रम का भी आयोजन किया है। सूत्रों की मानें तो किसानों के हित में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई किसान सम्मान निधि योजना में प्रदेश के अन्य जगहों पर भी फर्जीवाड़ा धड़ल्ले से अंजाम दिया जा रहा है जिस कारण से पात्र किसान वंचित भी हो रहे हैं।
विदित रहे की इस योजना से देश के 12 करोड़ से अधिक छोटे और कम जमीन वाले किसान परिवारों को रु 6000 रुपये की सालाना सहायता राशि प्राप्त होनी तय की गई है जो अब भ्रष्टाचारियों की भेंट चढ़ती नजर आ रही है।


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