साबिर खान, वसई/मुंबई (महाराष्ट्र), NIT:
मुंबई के नजदीक वसई तालुका के कामण गांव में एक अजीमुश्शान धार्मिक संमेलन का आयोजन किया गया जिस में देश-विदेश के नामवर उलमा ए कराम ने शिरक कर लोगों से खिताब किया। इस धार्मिक संमेलन का उद्देश्य मुसलमानों में फैली बुराइयों की निशादेही कर उसे खत्म करने की कोशिश करना था।
आज मुस्लिमों में तरह तरह की बुराइयों ने जन्म ले लिया है, जिसका असर मुसलमानों के साथ साथ गैर मुस्लिमों पर भी पड़ रहा है। मुसलमानों में फैली शिर्क व बिद्अत ने जहां मुसलमानों को पसती में डाल दिया है वहीं गैर मुस्लिम में इस्लाम की सही जानकारी न पहुंचने से वह इस्लाम व मुसलमानों से बदजन है। ऐसे में जरुरत इस बात की है कि कुरान व अहादीस की रोशनी में सही इस्लामी तालीमात को दुनिया के सामने पेश किया जाए क्योंकि लोगों ने बिद्अत व खुराफात को इस्लाम समझ लिया है। इसी सोच के साथ आज 27 जनवरी को वसई के कामण गांव इलाके में जामे मस्जिद व मदरसा कामण गांव वसई की जानिब से सुबह 9:30 बजे से रात 10 बजे तक इस्लाह ए उम्मत कांफ्रेंस से धार्मिक संमेलन का आयोजन किया गया।
संमेलन को फज. जफर हसन मदनी (शारजा-यूएई), फज. अब्दुल अजीम मदनी (बेंगलोर), फज. डॉ. अब्दुल अहद अब्दुल कुद्दूस (सऊदी अरब), फज. अब्दुल हमीद मदनी (इंदौर), फज. अब्दुल गफ्फार सलफी (वाराणसी), फज. इमरान अहमद रियाजुद्दीन सलफी (हैदराबाद), फज. हाफिज जावेद उस्मान रब्बानी (चिन्नी) ने सभा को संबोधित किया।
यह संमेलन फज. कारी नजमुल हसन फैजी (मुंबई) एवं फज. अब्दुस्साम सलफी (अमीर जमीअत अहले हदीस, मुंबई) की अध्यक्षता में संपन्न हुई। कांफ्रेंस की निजामत फज. फारूक उमरी व फज. नजीब बक्काली ने की। इस कांफ्रेंस के Invitor श्री हजरत हुसैन शेख रहे। कांफ्रेंस में इस्तकबालिया कलमात फज. अब्दुल हकीम मदनी (मुंबई) ने अदा किए। कांफ्रेंस में इन के अलावा अन्य कई प्रसिद्ध आलिम भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। कांफ्रेंस में हजारों की संख्या में पुरुष व महिलाओं ने शिरकत कर आलिमों के बयानों से फायदा उठाया। कांफ्रेंस में महिलाओं के लिए पर्दे का माकूल इंतजाम किया गया था।
संबोधन के टापिक (Topics)
- इल्म की राह में असलाफ की कुर्बानियां
- मोहम्मद सल. एक आइडियल
- मुआशरे का खुशनसीब शख्स कौन?
- अकीदह तौहीद और इस से दूरी के असबाब और नुकसानात
- अस्मत व अफ्फत का पैगाम ख्वातीन इस्लाम के नाम
- मौजूदा हालात और मुसलमानों की जिम्मेदारियां
- गुनाहों के असरात इंसानी जिंदगी पर।
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