NIT की खबर का असर: "सुनील हाईटेक" द्वारा किए गए अवैध गौणखनिज खुदाई स्थल का होगा मोजमाप, तहसिलदार बगले ने पीडब्ल्यूडी को भेजा पत्र | New India Times

कासिम खलील, ब्यूरो चीफ बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT:

NIT की खबर का असर: "सुनील हाईटेक" द्वारा किए गए अवैध गौणखनिज खुदाई स्थल का होगा मोजमाप, तहसिलदार बगले ने पीडब्ल्यूडी को भेजा पत्र | New India Times

बुलढाणा-अजंता नए राष्ट्रीय महामार्ग को सिमेंट कॉन्क्रीट का बनाया जा रहा है, किंतु इस मार्ग निर्माण का ठेका लेने वाली “सुनील हाईटेक” कंपनी ने गौणखनिज उत्खन्न की किसी भी प्रकार की प्रशासकीय अनुमति लिए बिना ही अवैध तरीके से शासकीय ज़मीन की खुदाई करते हुए हज़ारों ब्रास मुरुम की चोरी की है जिसका भंडाफोड़ “NIT” द्वारा किए जाने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है और बुलढाणा तहसीलदार सुरेश बगले ने खुदाई स्थल का मोजमाप करने के लिए लोकनिर्माण विभाग को पत्र द्वारा सूचित किया है।
बुलढाणा-जालना-औरंगाबाद इन तीन जिलों की सीमा से हो कर गुजरने वाले बुलढाणा-अजंता इस 50 किलो मीटर के मार्ग को राष्ट्रीय महामार्ग का दर्जा मिलने के बाद पिछले एक साल से इस मार्ग का निर्माण कार्य बड़ी ही धीमी गति से चल रहा है। इस दो लेन सीमेंट कॉन्क्रीट मार्ग के निर्माण का ठेका “सुनील हाइटेक, बांद्रा, मुंबई” ने लिया है। विदर्भ-मराठवाड़ा व खानदेश को जोड़ने वाला ये मार्ग बड़ा महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्ग के निर्माण के लिए बड़ी मात्रा में गिट्टी, मुरुम का इस्तेमाल हो रहा है। सूत्रों की माने तो करीब 350 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस मार्ग का ठेका लेने वाली कंपनी “सुनील हाईटेक” पहेले ही आर्थिक संकट में होने के कारण मार्ग निर्माण की रफ्तार पर इसका असर पड़ा है। 28 दिसेंबर को बुलढाणा एसडीओ ने मुरूम ले जा रहे दो टिप्परों को पकड़ा था। इन दोनों टिप्परों में इसी मार्ग के निर्माण के लिए मुरूम ले जाया जा रहा था। एसडीओ की इस कार्रवाई के बाद में यह बात सामने आई कि, ठेकेदार द्वारा अवैध रूप से गौण खनिज की खुदाई करते हुए मार्ग के निर्माण में इस्तेमाल किया जा रहा है। मार्ग निर्माण के लिए किस स्थान से मुरुम खोद कर लाया जा रहा है? मीडिया टीम द्वारा खोज करने पर पता कि बुलढाणा तहसील अंतर्गत के ग्राम बिरसिंहपुर शिवार के गट नंबर 135 स्थित शासकीय ई क्लास की ज़मीन से मुरुम की अवैध तरीके से खुदाई की गई है। यह गंभीर बात सामने आने के बाद “NIT” ने 3 जनवरी को “बुलढाणा-अजंता मार्ग के निर्माण में अब तक हज़ारों ब्रास चोरी के मुरुम का इस्तेमाल” शीर्ष से खबर प्रकाशित करते ही प्रशासन में खलबली मच गई। इस बात को गंभीरता से लेते हुए अपर जिलाधिकारी प्रमोदसिंह दुबे ने बुलढाणा तहसीलदार सुरेश बगले से बात करते हुए इस मामले में उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। तत्पश्चात बुलढाणा तहसीलदार बगले ने उपविभागीय अभियंता, लोकनिर्माण उप विभाग, बुलढाणा को एक पत्र जारी करते हुए लिखा है कि बुलढाणा-अजंता मार्ग के ठेकेदार सुनील हाइटेक ने बिरसिंहपुर के पास स्थित एक छोटे से कट्टे में से करीब 1 हज़ार से 11 सौ ब्रास मुरूम,पत्थर का उत्खनन करते हुए इसे मार्ग के निर्माण में इस्तेमाल किया है जिसकी ठेकेदार के पास कोई अधिकृत अनुमति नहीं है। इस अवैध खुदाई का मोजमाप करते हुए तांत्रिक अहवाल तत्काल देने की बात इस पत्र में दर्ज है। अब देखना ये है कि, इस अवैध खुदाई के मोजमाप के बाद कितने ब्रास गौणखनीज का मामला सामने आता है?

4 लाख 34 हज़ार का जुर्माना तय

28 दिसंबर को बुलढाणा उपविभागीय अधिकारी ने देवलघाट के पास मुरूम ले जा रहे दो टिप्परों को रुकवाने पर पता चला कि, बुलढाणा-अजंता मार्ग निर्माण के लिए इन टिप्परों मे मुरूम ले जाया जा रहा है। दोनों चालकों के पास से रॉयल्टी नहीं मिलने पर दोनों टिप्पर बुलढाणा तहसील कार्यालय में लाकर खड़े कर दिए। 2 जनवरी को तहसील प्रशासन ने सुनील हाइटेक को एक नोटिस जारी करते हुए 2 दिन के भीतर जवाब मांगा था किंतु संबंधित ठेकेदार ने लिखित रूप से जवाब नहीं दिया जिसके कारण 4 जनवरी को बुलढाणा तहसीलदार ने दोनों टिप्परों को अवैध गौणखनिज के लिए दोषी मानते हुए सुनील हाइटेक, मुंबई को 4 लाख 34 हजार का जुर्माना ठोक दिया है।

14 लाख के जुर्माने की नोटिस पहेले भी हुई थी जारी

बुलढाणा तहसील अंतर्गत के ग्राम बिरसिंहपुर के पास की शासकीय जमीन में से अवैध रूप से मुरूम की खुदाई कर बुलढाणा-अजंता मार्ग पर इसका इस्तेमाल किया जा रहा है, ऐसी लिखित सूचना सूचना देवलघाट के पटवारी ने तहसील प्रशासन को दी थी, जिसके बाद तहसील कार्यालय द्वारा “सुनील हाइटेक” को इस अवैध गौण खनिज के मामले में 29 सितंबर 2018 को एक नोटिस जारी किया था जिसमें 14 लाख 21 हज़ार रुपए जुर्माना भरने की सूचना देते हुए 2 दिन के भीतर कार्यालय में उपस्थित रहकर ठेकेदार का जवाब मांगा गया था किंतु संबंधित ठेकेदार ने तहसील प्रशासन को कोई भी लिखित जवाब नहीं दिया था।


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By nit

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