हनीफ खान, ब्यूरो चीफ सोनभद्र (यूपी), NIT:
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिला प्रशासन की लापरवाही से चोपन बैरियर पर पुल के पास आए दिन दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं, बावजूद इसके जिला प्रशासन की तरफ से किसी प्रकार का कोई ठोस कदम उठाया नहीं जा रहा है जिससे स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है।
गौरतलब है कि सोन नदी पर बने नये पुल पर चौड़ाई कम होने की वजह से मोटरसाइकिल व पैदल सवारों को गुजरने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है साथ ही साथ दोनों तरफ धूल और भस्सी पडी होने की वजह से और भी परेशानियां बढ़ जा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ पुराने पुल को मरम्मत करके चेतक कंपनी के द्वारा चालू करा दिया गया था जो आए दिन टूटता रहता है जिसके वजह से उस पर आवागमन को आए दिन बंद कर दिया जाता है जिसके चलते मजबूरी में बाइक सवारों व पैदल यात्रियों को भी उल्टी साइड से नए पुल के सहारे ही आना जाना पड़ता है। इसी की वजह से बुधवार की रात बाइक सवार युवक सतीश जो नगर के ही एक कपड़े की दुकान में काम करता था और दुकान बंद होने के बाद वापस अपने घर भभाइच जा रहा था को पुल पर रावर्टसगंज की तरफ से आ रहे ट्रक ने बेकाबू होकर कुचल दिया जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
बताते चलें कि रावर्टसगंज की तरफ से आ रहे ट्रक का ड्राइवर नशे में धुत था और मोटरसाइकिल सवार को धक्का मारने के बाद वह डिवाइडर पर चढ़ाते हुए फिल्मी स्टाइल में नंदू चौबे चाय की दुकान के समीप खड़ी एक बोलेरो में टक्कर मारने के बाद खड़ी कर दिया, संयोग ही अच्छा था कि उस दौरान वहां पर कोई मौजूद नहीं था अन्यथा किसी बड़ी दुर्घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता था। इसी तरह दूसरी तरफ सिंदुरिया मार्ग पर बालू, गिट्टी लदे ट्रकों का बडे़ पैमाने पर आवागमन 24 घंटे होने की वजह से तथा पुराने पुल पर से आवाजाही रोकने की वजह से एक ही पुल के सहारे तीनों तरफ से वाहनों का आना-जाना हो रहा है जिससे बैरियर तिराहे पर दुर्घटना की आशंका बराबर बनी रहती है लेकिन इस दिशा में चोपन पुलिस द्वारा भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि तिराहे के इर्द-गिर्द दोनों तरफ अस्थाई रूप से टेंपो स्टैंड भी बना दिया गया है जहां दर्जनों की संख्या में टैम्पो सवारियों के इंतजार में आड़े तिरछे खड़े रहते हैं और दुर्घटना को दावत देते रहते हैं। लोगों की मांग है की तत्काल प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करते हुए ठोस कदम उठाया जाना चाहिए जिससे की हो रही दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।
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