नरेंद्र इंगले, जलगांव/अमरावती (महाराष्ट्र), NIT:
ग्रामीण इलाकों के गरीबों तक शिक्षा को पहुंचाने के लिए स्व डाॅ श्री पंजाबरावजी देशमुख ने श्री शिवाजी शिक्षा संस्थान की आधारशिला रखी थी। शिक्षा के साथ ही जन जन तक स्वास्थ सुविधा पहुंचाने के लिए संस्थान ने कई अस्पताल भी शुरु किए हैं, इन स्वास्थ्य इकाईयों को सरकार की ओर से सशक्त करने तथा जरुरतमंदों की स्वास्थ्य सेवा के लिए राज्य सरकार हमेशा वचनबद्ध है, ऐसा प्रतिपादन महाराष्ट्र राज्य के जलसंपदा मंत्री श्री गिरीश महाजन ने किया है। महाजन अमरावती स्थित श्री शिवाजी शिक्षा संस्थान के मुख्य इकाई समारोह में बोल रहे थे।
महाजन के हाथों डाॅ पंजाबराव देशमुख आडिटोरीयन का भूमिपूजन किया गया, वहीं संस्था इकाई के अस्पताल में सुसज्ज प्रसुती कक्ष तथा सिटीस्कैन विभाग का फीता भी मंत्री जी के हाथों काटा गया। अपने संबोधन में महाजन ने शिक्षा संस्था के बहुउद्देशीय कामकाज का गौरव करते हुए कहा कि विदर्भ में संस्था की कुल 350 इकाईयां कार्यरत हैं जिसमें 10 हजार कर्मचारी सेवारत हैं और 1 लाख 50 हजार छात्र अध्ययनरत हैं। इसमें एक बात वाकई गौरव की है कि संस्था ने कभी भी अपनी गुणवत्ता से समझौता नहीं किया और ना ही शिक्षा क्षेत्र में व्यावसायिक दृष्टिकोण को पनपने दिया। आडीटोरियम के निर्माण में संस्था के कर्मियों ने आर्थिक सहायता दी है, यह बात सम्मानजनक है। सूबे में अब मेडिकल शिक्षा के लिए NET की परीक्षा अनिवार्य कि गयी है जिससे गरीब से गरीब छात्र भी बिना डोनेशन दिए डाॅक्टर की पढाई कर सकता है। विदर्भ के सात जिलों में मेडिकल कालेजों का निर्माण किया जाना है जिससे आम लोगों को स्वास्थ्य सेवा आसानी से उपलब्ध होगी।
मंच पर विदर्भ पाटबंधारे विकास महामंडल के उपाध्यक्ष डॉ. सुनील देशमुख, श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख, उपाध्यक्ष नरेशचंद्र ठाकरे, रामचंद्र शेळके, गजानन पुंडकर व कोषाध्यक्ष दिलीप इंगोले समेत संस्था के सभी पदाधिकारी, सदस्य उपस्थित रहे।
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