नरेंद्र इंगले, ब्यूरो चीफ जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
जलगांव जिले के जामनेर तहसील क्षेत्र कि शेंदुर्नी नगर पंचायत के लिए 9 दिसंबर को होने जा रहे पहले आम चुनाव में एक सनसनीखेज और चौंकाने वाली बात सामने आयी है। यहा मतदान के लिए मंगवाई गयी ईवीएम मशीनें परीक्षण के दौरान ईवीएम मोबाईल ब्लुटूथ से कनेक्ट हो गयी और उसने ब्लुटूथ से पासवर्ड मांगा है। यह पुरा मामला तब सामने आया जब चुनाव अधिकारी के सामने सभी राजनितीक दलों के पदाधिकारियों को ईवीएम परीक्षण के लिए बुलाया गया था। मौके पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता संजय गरुड और पार्टी पदाधिकारियों ने ईवीएम में स्पष्ट हो चुकी इस गडबडी पर खूब हल्ला मचाया और इन सभी EVM को तत्काल बदलकर 9 दिसंबर को होने वाले मतदान के लिए इनकी जगह VVPAT ( voters verify paper audite trail ) यानी मतदाता समीक्षा चिठ्ठी संयंत्र जुडी मशीनें इस्तेमाल करने कि मांग की है। वहीं प्रशासन ने हमेशा की तरह अपनी ओर से प्रासंगिक तकनिकि समस्याओं का हवाला देकर ईवीएम को फिटनेस सर्टिफीकट बहाल कर दिया है। एक स्थानीय मराठी अखबार को दिए साक्षात्कार में गरुड ने कहा है कि परीक्षण के दौरान ही जब सेलफ़ोन का ब्लुटूथ आन किया गया तो वह ईवीम से कनेक्ट हो गया और वह पासवर्ड मांगने लगी, इस बात को लेकर हमने मौजुद अधिकारियों से सवाल पुछे तो वह सब लोग चुप्पी साध लिए। इस मामले में पारदर्शी चुनाव के लिए हमने प्रशासन से तत्काल VVPAT से लैस ईवीएम की मांग की है।
विदीत हो कि 1 लोकनियुक्त नगराध्यक्ष और 17 सीटों वाली शेंदुर्नी नगर पंचायत के लिए 9 दिसंबर को होने जा रहे पहले आम चुनाव में भाजपा और राष्ट्रवादी – कांग्रेस गठबंधन में सीधा मुकाबला है। वहीं उसी दिन होने जा रहे धुलिया महानगर पालिका आम चुनाव में भी बगैर VVPAT वाले EVM मशीनों की हैकिंग की संभावना के चलते कांग्रेस विधायक श्री कुणाल पाटील और राजवर्धन कदमबाँडे ने मशीनों को वीवीपैट लगाने की फ़ौरी मांग की है जिस वपर निर्वाचन अधिकारी ने उल्टा शिकायतकर्ताओं को ईवीएम हैक कर दिखाने की चुनौती दे डाली है।
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