वी.के.त्रिवेदी, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:
सर्दी का मौसम शुरू होते ही बाघ जंगलों से निकल कर आबादी क्षेत्रों मे घूम रहे हैं। कई ग्रामीण क्षेत्रों में बाघ देखे जाने से ग्रामीण दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं लेकिन वन विभाग आबादी क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी को सिरे से नकार रहे हैं जबकि गुरुवार की सुबह अन्देशनगर वन क्षेत्र के काजीपुरवा गांव के पास एक बाघ देखा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की सुबह शौच को निकले ग्रामीणों ने जिला पंचायत सदस्य सुखदेव सिंह के ट्यूबवेल के पास बाघ देखा तो ग्रामीणों के होश उड गये। ग्रामीणों ने बाघ देखे जाने की सूचना वन विभाग को दी लेकिन वन विभाग के अफसर बाघ की मौजूदगी को नकार रहे हैं लेकिन ग्रामीणों में बाघ की मौजूदगी से दहशत फैल गई है। ज्ञात हो कि दो दिन पहले फूलबेहड क्षेत्र के सुथरी गांव के पास भी ग्रामीणों ने बाघ को देखा था। जबकि इससे पूर्व भी छोटी बन्नी, उल्ल नदी के किनारे टेढवी के पास, सिसौना गांव के मोहनपुरवा, शीतलापुर समेत कई गांवों के पास बाघ व बाघिन अपने शावकों के साथ देखे गए हैं लेकिन हर बार वन विभाग भेडिया या लकडबग्घा के पगचिन्ह बता कर बाघ की मौजूदगी से इन्कार कर अपना पल्ला झाड रहा है। लेकिन ग्रामीणों में बाघ की इतनी दहशत है कि वह खेतों में तैयार खडी धान की फसल की कटाई करने भी नही जा रहे हैं। फिल्हाल आबादी क्षेत्रों में बाघों की चहलकदमी के चलते ग्रामीणों को रोजी रोटी के संकट का सामना भी करना पड रहा है।
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