पीयूष मिश्रा, छपारा/सिवनी (मप्र), NIT; चुनावी साल में जनपद पंचायत छपारा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के एक पत्र से सियासत गर्मा गयी है। इस पत्र को लेकर जनपद पंचायत अध्यक्ष के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जनपद पंचायत उपाध्यक्ष पर विशेषाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाये गये हैं।
जनपद पंचातय छपारा के सूत्रों ने बताया 30 जुलाई 2018 दिन सोमवार को जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिवानी मिश्रा के हस्ताक्षरों से एक पत्र जारी हुआ है, जो पूरे विवाद का कारण बन रहा है। सूत्रों ने बताया कि इस पत्र में जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी और जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष नीरज दुबे पिंकू के निर्देश पर जनपद पंचायत की सामान्य सभा की स्थगित बैठक को पुनः बुलाये जाने का उल्लेख किया गया है।
पत्र जारी होने के बाद मची खलबली
जैसे ही यह पत्र जनपद पंचायत अध्यक्ष केसर बाई को मिला उन्होंने इस पत्र को विशेषाधिकार हनन का मसला बताया है। उनका कहना है कि जनपद पंचायत में होने वाली बैठकों को जनपद पंचायत अध्यक्ष के हवाले से ही जारी किया जाता है।
उक्त पत्र के प्राप्त होने पर जनपद पंचायत अध्यक्ष केसरबाई ने आरोप लगाया है कि उनके विशेष अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जनपद में होने वाली बैठकों के लिये जो पत्र जारी किये जाते हैं वह आम तौर पर अध्यक्ष के ही संदर्भ से निर्देशित किये जाते हैं लेकिन 30 जुलाई को जारी पत्र मे ऐसा न करते हुए जनपद उपाध्यक्ष का संदर्भ देते हुए पत्र जारी किया गया है।
निलंबित लेखापाल को बहाल करने की तैयारी
इस पत्र में जो एजेण्डा दिया गया है उसमें स्वतंत्रता दिवस हर्ष उल्लास से मनाने के संबंध में, दूसरा बिंदु सहायक ग्रेड-2 श्रीमति सावित्री डेहरिया निलंबित लेखापाल के संबंध में चर्चा व अन्य विषय पर चर्चा है। पत्र मिलने के बाद इस बैठक के संबंध में जनपद अध्यक्ष व सदस्यों के द्वारा तरह – तरह की प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं।
जनपद सदस्यों के बीच चल रहीं चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाये तो छपारा जनपद पंचायत सीईओ शिवानी मिश्रा और जनपद उपाध्यक्ष नीरज दुबे पिंकू के द्वारा निलंबित लेखापाल को लाभ पहुँचाने की गरज से आनन – फानन में इस तरह की बैठक का आयोजन करने का ताना-बाना बुन रहे हैं। कुछ सदस्यों का तो यहाँ तक कहना था कि इक्कीसवीं सदी में उल्टी गंगा बह रही है, अब उपाध्यक्ष के द्वारा अध्यक्ष को बैठक में आने के लिये निर्देशित किया जा रहा है।
भ्रष्टाचारी और गबन के आरोपी को बहाल करने सीईओ और उपाध्यक्ष की जुगलबंदी
ज्ञात हो कि सहायक ग्रेड-2 पर पदस्थ रहे पूर्व में सावित्री डेहरिया को गबन के मामले में निलंबित कर दिया गया था। उनके ऊपर आर्थिक अनियमितताओं का आरोप लगा है। जनपद निधि की राशि को तत्कालीन सीईओ के साथ बंदरबांट करते हुए अनियमित तरीके से 05 लाख से अधिक रुपये खर्च किये जाने के आरोप लगे थे और इस बात की शिकायत छपारा के जागरूक पत्रकारों ने जनसुनवाई कार्यक्रम में जिला कलेक्टर से की थी। जिसके बाद जिला पंचायत की तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी रिजू वाफना के द्वारा इस मामले में सहायक ग्रेड दो के पद पर पदस्थ श्रीमति सावित्री डेहरिया को निलंबित किया जाकर जाँच आहूत कर दी गयी थी। इस मामले में अब तक पाँच लाख रूपये की राशि की वसूली भी नहीं की गयी है। जनपद पंचायत छपारा की अध्यक्ष केसरबाई सहित कई जनपद सदस्यों ने जनपद उपाध्यक्ष नीरज दुबे पिंकू और सीईओ शिवानी मिश्रा पर आरोप लगाते हुए यह बताया है कि निलंबित लेखापाल श्रीमती सावित्री डेहरिया को बहाल करने के लिए पूरा षड्यंत्र रचा जा रहा है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.