महाराष्ट्र की सभी नाॅन-स्टाॅप एसटी बसें हो रही हैं कंडक्टर लेस | New India Times

मकसूद अली, यवतमाल(महाराष्ट्र), NIT; ​महाराष्ट्र की सभी नाॅन-स्टाॅप एसटी बसें हो रही हैं कंडक्टर लेस | New India Timesमहाराष्ट्र में कई रूट की नाॅन-स्टाॅप एसटी बसें अब कंडक्टर विहीन चल रही हैं और जल्द ही पूरे महाराष्ट्र में इस प्रयोग को लागू किए जाने की संभावना है।

मिली जानकारी के अनुसार विगत दो माह से कुछ रूट पर नॉन स्टॉप अर्थात बीच में रुके बिना गंतव्य तक का सफ़र करने वाली एसटी बसों को कंडक्टर विहीन कर दिया गया है। इस नई व्यवस्था के तहत बस में यात्रियों के बैठते ही कंडक्टर टिकट काटते हैं। कुल यात्रियों की संख्या के हिसाब की पर्ची बस चालक को देते हैं। पर्ची लेकर बस चालक यात्रा शुरू करता है। इस प्रयोग ने बिना टिकट यात्रा करनेवाले यात्रियों की संख्या लगभग नगण्य कर दी है। यही नहीं कुछ कंडक्टर और ड्राइवरों की मिली भगत से चलनेवाले बिना टिकट यात्रियों से होनेवाली ऊपर की कमाई पर भी नकेल कसने लगी है।​

महाराष्ट्र की सभी नाॅन-स्टाॅप एसटी बसें हो रही हैं कंडक्टर लेस | New India Timesयह प्रयोग सबसे पहले अकोला और यवतमाल के बीच नॉन स्टॉप यात्रा की बसों में शुरू किया गया। देखते ही देखते इसे दूसरी नॉन स्टॉप बसों में भी आजमाया गया। अब भंडारा, चंद्रपुर, गढ़चिरोली अमरावती के बीच चलनेवाली बसों में भी कंडक्टर विहीन व्यवस्था लागू की गई है। शहर के गणेशपेठ बस अड्डे के स्टेशन मैनेजर अनिल आमनेरकर ने बताया कि कंडक्टर विहीन प्रयोग की नई व्यवस्था सफल होती दिखाई दे रही है। जल्दी यह व्यवस्था सभी नॉन स्टॉप बसों में शुरू कर दी जाएगी।

हालांकि महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम के नागपुर विभाग में हो रहे कंडक्टर विहीन बसों के प्रयोग से यहां कार्यरत कई कंडक्टरों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं, क्योंकि विगत कई वर्षों से एसटी बसों में कंडक्टरों की भर्ती बंद है और इस समय कार्यरत ज्यादा कंडक्टर अनुबंध यानी कॉन्ट्रैक्ट स्वरुप में काम कर रहे हैं। इन कंडक्टरों के रोजगार के विषय में एसटी प्रशासन मौन है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading