संदीप शुक्ला, ग्वालियर/भोपाल, NIT; यातायात पुलिस ने ई – चालान शुरू करने के पहले प्रचारित किया था कि यह हाईटेक व्यवस्था रहेगी। इसमें पुलिसकर्मियों का उपयोग कम होगा और ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करने वालों का ई चालान सीसीटीवी कैमरों के फुटेज के आधार पर बनेगा जो डाक से उनके घर पहुंच जाएगा, लेकिन हकीकत कुछ और है। शहर में लगे 569 सीसीटीवी कैमरे इस लायक ही नहीं हैं कि ई-चालान बन सके।
यह कैमरे ट्रैफिक नियम उल्लघंन करने वाले वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर भी रीड नहीं कर सकते। इसलिए पुलिसकर्मी शहर के चौराहों पर कैमरे हाथ में लेकर वाहनों के फोटो खींचते के बाद कैमरे ट्रैफिक थाने भेजे जाते है और फिर रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर वाहन का ई चालान तैयार होता है।
एएनपीआर आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे सिर्फ डीडी नगर और पुरानी छावनी पर हैं शेष कैमरे वाहन की नंबर प्लेट को रीड नहीं कर सकते।
एएनपीआर बिना अन्य कैमरों से किसी वाहन की नंबर प्लेट को ट्रेस नहीं किया जा सकता। सामान्य कैमरों से ई चालन को पहचान कर उस पर कैमरा रोकना होगा उसके फुटेज निकाले जाएंगे। इन्हें जूम करने पर पिक्सल फट जाते हैं। बहुत करीब के वाहन के नंबर ही इसमें देखे जा सकते हैं।
लगाएंगे एएनपीआर कैमरे, आईटीएमएस सिस्टम भी लगेगा
शहर के ट्रैफिक को सुधारने के लिए शहर के 30 पॉइंट चिन्हित किए गए हैं। जहां एएनपीआर लगाए जाएंगे। इसके अलावा अन्य डिवाइस और ट्रेफिक सुधार के लिए कार्य किए जाएंगे। इस पर करीब 2 करोड़ रुपए खर्च होंगे। आईटीएमएस सिस्टम पहले चरण में भोपाल में लगाया गया है।
- ग्वालियर में भी लगाया जाएगा। इसके लिए हम प्रस्ताव भेजेंगे: महिप तेजस्वी, सीईओ, स्मार्ट सिटी
ग्वालियर में ट्रैफिक सुधार के लिए कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए नगर निगम के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अभी जो कैमरे लगे हैं उनका बेहतर उपयोग हो सके इसके लिए भी प्लानिंग कर रहे हैं: नवनीत भसीन, एसपी
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