शेरा मिश्रा/अविनाश द्विवेदी, कटनी (मप्र), NIT;
बीजेपी सरकार जहाँ भूमि अधिग्रहण कानून के तहत पूरे देश में किसानों को चार गुना मुआवजा दे रही है वहीं बीजेपी शासित मध्य प्रदेश राज्य के कटनी जिला में मुआवजा देना तो दूर उलटा शासन प्रशासन द्वारा जबरन गेहूं के हरे भरे खेत को नष्ट कर बिजली का टावर लगाने के लिए लगभग पौना एकड खेत नष्ट कर दी है और विरोध करने पर किसान को जेल भेज दिया गया।
विजयराघवढ़ के अंतर्गत ग्राम नन्हवारा कला में महिला किसान सगुना बाई पति दयाराम बागरी के खेत को जबरदस्ती नष्ट कर बिजली का टावर लगाया गया है। विगत रविवार 25 फरवरी को स्थानीय प्रशासन ने जिला प्रशासन के आदेशों का पालन करते हुए बिजली के टावर के खम्भे लगाने वालों की मदद कर किसान के हरे भरे खेत को नष्ट करा दिया। वहीं सगुना बाई के दोनों पुत्रों रमेश सिंह बागरी व श्याम सिंह बागरी को बिना किसी अपराध के दो दिन के लिए जेल भी भेजा गया। किसान महिला अपनी फरियाद के लिए अधिकारियों के सामने गिडगिडाती रही और अधिकारियों से कुछ दिन का समय मांगा जिससे फसल कट जाए फिर बिजली के टावर लगा दिला जाए, लेकिन किसान की फरियाद को अनसुना कर प्रशासन ने हरे भरे खेत में जेसीबी मशीन के द्वारा गढ्ढे करवा दिया जिससे किसान की फसल नष्ट हो गई।
किसान विगत चार महिनों से गेहूं की फसल में अपनी पूरी महनत लगा चुका था। वही खेती के लिए खाद बिज व जुताई बुराई के लिए कर्ज लेकर खेती कर रहा था। किसान को आस थी की खेती की कटाई के पश्चात जो मुनाफा होगा उससे वह अपने परिवार का भारण पोषण साल भर करेगा तथा लिया हुआ कर्ज भी चुका देगा लेकिन जिला प्रशासन को इस गरिब किसान पर जरा सा भी तरस नहीं आया। लोगों का कहना है कि क्या भाजपा सरकार किसानों को इसी तरह दंडित करेगी? किसान को खेती करना पाप सा लगने लगा। किसान की फसल के साथ जेल भेजना कहाँ का न्याय है? धन धर्म गवाने के साथ साथ किसान को जेल भेज कर इज्जत भी मिट्टी में मिला दी गई। लोगों का कहना है कि आखिर किसान ने कुछ समय ही तो मांगा था, लेकिन इस तरह की गुंडागर्दी भाजपा के राज में देखी जा रही है, जहां किसान की कमर तोड़ने का प्रयास नहीं बल्कि कमर तोड़ दी गई। आज उस किसान के पास आंसुओं के अलावा कुछ नहीं रहा।
” किसान अपनी फरियाद किसे सुनाये जब कानून के रक्षक ही भक्षक बन जाए तो।”
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