मध्यप्रदेश में नहीं रूक रही है बाल मजदूरी, सरकारी योजनाओं पर फिरता नजर आ रहा है पानी | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल, NIT;

मध्यप्रदेश में नहीं रूक रही है बाल मजदूरी, सरकारी योजनाओं पर फिरता नजर आ रहा है पानी | New India Times

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प दुकानों व होटलों पर छोटे-छोटे बच्चे काम करते देखे जा रहे हैं ऐसे में छोटे -छोटे बच्चों का भविष्य कैसे उज्जवल होगा? एक तरफ प्रदेश की सरकार हर जतन कर रही है कि देश के प्रत्येक छोटे – छोटे बच्चे पढ़ लिख कर शिक्षित बनें, , मगर अफसोस है कि सरकार की सभी योजनाओं पर पानी फिरता नजर आ रहा है। ऐसा लगता है कि यह सभी योजना सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गया है।

मध्यप्रदेश में नहीं रूक रही है बाल मजदूरी, सरकारी योजनाओं पर फिरता नजर आ रहा है पानी | New India Timesभोपाल के अधिकांश क्षेत्रों में इस समय बालश्रम की ऐसी धज्जियां उड़ाई जा रही है मानो इनके लिए कोई नियम और कानून बना ही नहीं है । होटलों , दुकानों , कूलर अलमारी , गल्ला मंडी या फिर सब्जी मंडी में अवश्य आप लोगों को छोटे-छोटे बच्चे काम करते हुए अपने बचपन को बर्बाद करते दिखाई दे देगें जिन्हें लोग गरीब परिवार के बच्चों को कम पैसे देकर आठ से बारह घंटे तक काम कराते हैं। जिन्हें शायद किसी कानून का भय ही नहीं है जिसपर शासन – प्रशासन भी मूकदर्शक बनी हुई है ऐसे में सवाल उठता है कि इतने कम उम्र जो वास्तव में पढ़ने, लिखने तथा खेलने और कूदने वाले समय में नाजुक कंधो पर इतनी बड़ी जिम्मेदारी व मजबूरी का बोझ उठाना पड़ रहा है जिसके एवज में उक्त लोग नियम तथा कानून की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं ।

मध्यप्रदेश में नहीं रूक रही है बाल मजदूरी, सरकारी योजनाओं पर फिरता नजर आ रहा है पानी | New India Timesसरकारी नियम के अनुसार कम उम्र के बच्चों से बालश्रम करवाना कानूनन अपराध है मगर इसका कोई भी असर नहीं पड़ रहा है। ऐसे में इन बच्चों की जो उम्र पढ़ाई करने , खेलने , कूदने तथा दोस्तों में घूमने की है वहीं आज होटलों , दुकानों तथा उद्योगों में काम करने में समय व्यतीत हो रहा है । इस परिस्थिति में कानून के तहत बालश्रम रोकने के लिए शासन और प्रशासन विफल हो गया है ।


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