महाराष्ट्र परिवहन निगम (एसटी) को हाईटेक करने की आड में निजीकरण का चल रहा है खेल, सत्ता पक्ष पर अपने करीबी ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने का आरोप | New India Times

Edited by Maqsood Ali, मुंबई, NIT; ​​महाराष्ट्र परिवहन निगम (एसटी) को हाईटेक करने की आड में निजीकरण का चल रहा है खेल, सत्ता पक्ष पर अपने करीबी ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने का आरोप | New India Timesमहाराष्ट्र परिवहन निगम (एसटी) को हाईटेक करने के लिए शिवनेरी के बाद अब अश्वमेध, शिशाही एसी एसटी बसें शुरु की गईं हैं। हिरकणी और सेमी एशियाड गाडियों की फेरीयां बंद करते हुए नई गाडियां शुरु किए गए हैं जो शिवशाही के नाम पर मनमानी चल रही है। यात्री मनमानी के चलते परेशान हैं।​महाराष्ट्र परिवहन निगम (एसटी) को हाईटेक करने की आड में निजीकरण का चल रहा है खेल, सत्ता पक्ष पर अपने करीबी ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने का आरोप | New India Times

ठेका पद्धति पर होगा संचालन

राज्य के गांव- गांव तक आम लोगों की यात्रा का महत्वपूर्ण संसाधन एसटी होने से अब एसटी में भी पिछले दरवाजे से दिमक लगना शुरु हो गया है। आम यात्रियों की 42 सहूलियते बंद करते हुए  नई पद्धति की गाडियां थोपी जा रही हैं,  जिसके चलते पहले की तरह टिकट में बढ़ोत्तरी की गई है। वहीं गांव-गांव तक पहुंचने वाली एसटी की सेवा बंद की जा रहीं है।​महाराष्ट्र परिवहन निगम (एसटी) को हाईटेक करने की आड में निजीकरण का चल रहा है खेल, सत्ता पक्ष पर अपने करीबी ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने का आरोप | New India Times

सहूलियतों को नहीं मिला स्थान

राज्य में सत्ता में आये नेताआें ने अपने करीब के ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए फायदे में चल रहीं एसटी को ठेका पध्दति पर चलाया जा रहा है। एसटी की हिरकणी और निमआराम बस गाडियां बंद की गई हैं। गाडियों में राज्य सरकार द्वारा शुरु किए गए नियमों को ताक पर रखकर वरिष्ठ नागरिक ,स्वतंत्रता सेनानी, दलित मित्र, पद्मम पुरस्कार प्राप्त नागरिक, पत्रकार ,खिलाडी, विकलांग, नेत्रहीन, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त नागरिकों को सहूलियतें दी जाती थीं,  उसे अब बंद किया जा रहा है। कामगार संगठन का आरोप है कि राज्य में एसटी सेवा के कारण बड़े पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्र में यात्रा के साधन भी उपल्बध है, अब पुरानी गाडियों के लिए नई नीति सरकार ला रही है।


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