मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से आक्रोशित होकर बुरहानपुर ज़िले के मुस्लिम समाज ने ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया। शहर के प्रमुख चौराहा जयस्तम्भ पर एकत्र होकर सैकड़ों की संख्या में लोगों ने आतंकवाद का पुतला फूंका और पाकिस्तान के खिलाफ़ नारे लगाए। प्रदर्शन के दौरान “पाकिस्तान मुर्दाबाद”, “आतंकवाद हाय-हाय”, और ” हिन्दुस्तान ज़िंदाबाद” जैसे नारे गूंजते रहे। लोगों ने एक स्वर में कहा कि आतंक के खिलाफ़ लड़ाई में मुस्लिम समाज देश के साथ खड़ा है और ऐसे नापाक हमलों का कोई मज़हब नहीं होता।
असहाबे सुफा इजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष हाजी अब्दुल बासित ने कहा “इस्लाम ऐसी दहशत गर्दी को बिल्कुल पसंद नही करता और हिन्दुस्तान का प्रत्येक हिन्दु-मुस्लिम इसका समर्थन नही करता, जो बेगुनाह मासूम लोग मारे गए हैं। हमारी हमदर्दी उनके परिवार के साथ और घटना की ना दोहराई जाए, इसके लिए सरकार पाकिस्तान के खिलाफ़ सख्त से सख्त कदम उठाए”
समाज के वरिष्ठ लोगों और युवाओं ने कहा कि इस्लाम अमन, भाईचारे और इंसानियत का धर्म है और जो लोग मज़हब के नाम पर खून बहाते हैं, वे न सिर्फ धर्म के, बल्कि पूरे इंसानियत के दुश्मन हैं। समाज का कहना था कि देश की एकता और अखंडता को किसी भी हालत में कमज़ोर नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि आतंकवाद के खिलाफ़ और भी कठोर कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जा सकें।
समाज के लोगो ने कहा मुस्लिम समाज को आतंकवाद से जोड़ना एक गलत धारणा है, जिसे इस तरह के एकजुट और शांतिपूर्ण विरोधों के ज़रिए तोड़ा जा सकता है। इस प्रदर्शन ने यह संदेश दिया कि बुरहानपुर ही नहीं, देशभर में मुस्लिम समाज आतंकवाद के खिलाफ़ पूरी मजबूती से खड़ा है, और देश की सुरक्षा, शांति और सम्मान के लिए हर बलिदान देने को तैयार है।
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