जमशेद आलम, ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:

छिंदवाड़ा ब्लैकमेलर पूरे मध्य प्रदेश में हावी। पुलिस ने तीन राज्यों की खाक छानि कनेक्शन को सोशल मीडिया फेसबुक, वाट्सअप पर वीडियो कॉल के जरिए फर्जी अश्लील वीडियोकॉन और फोटोज बनाकर लोगों को ब्लैक मेल करने वाले एक गैंग का खुलासा पुलिस ने किया है। पुलिस ने इस मामले की तह तक जाने के लिए बिहार, राजस्थान और हरियाणा तीन राज्यों की खाक छानी और सघन तफ्तीश कर ब्लैक मेलर्स को ढूंढ निकाला। इस मामले में पकड़े गए आरोपी हरियाणा के निकले। दो आरोपी फिलहाल पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। और एक अन्य आरोपी फरार है। सोशल मीडिया ब्लैकमेलिंग का यह मामला बहुत ही रोचक है। और जिस तरह से आज फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए लोगों के साथ साइबर ब्लैकमेलिंग की जा रही है। ऐसे मामले में पुलिस की तहकीकात बहुत ही सराहनीय कार्य है।
दरअसल 19 नवंबर 2024 को देहात थाना क्षेत्र के प्रियदर्शनी कॉलोनी में एक रिटायर्ड एस ए एफ डीएसपी ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली। इस बात की सूचना पुलिस को मिलने के बाद पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर मृतक के मोबाइल और अन्य चीजों की जांच की। तो पता चला कि मृतक सोशल मीडिया फ्रॉड के जरिए ब्लैकमेलिंग का शिकार हो रहा था। और इसी कारण से 75 वर्षीय रिटायर्ड पुलिसकर्मी ने आत्महत्या की। पुलिस ने मामले की तहकीकात के दौरान कई साक्ष्य जुटाए। जिसमें बिहार , राजस्थान और हरियाणा का कनेक्शन मिला। इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक अजय पांडे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अवधेश प्रताप सिंह और सीएसपी अजय राणा के मार्गदर्शन में देहात थाना टी आई जी एस राजपूत और उनकी टीम के साथ साइबर सेल ने मामले की सघन तहकीकात शुरू की।
लगभग 3 महीने चली सघन तफ्तीश मैं पुलिस को हरियाणा के एक एटीएम से घटना का सुराग मिला जिसमें इस एटीएम का गार्ड ही लिप्त पाया गया । बारीकी से जांच करने के बाद पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम में दो आरोपियों मोहम्मद यूसुफ पिता कासम खान उम्र 26 वर्ष निवासी पलवल हरियाणा और मन्नान पिता मोहम्मद हाकम उम्र 26 वर्ष निवासी पलवल हरियाणा को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने मृतक डीएसपी से कुल 95 हजार रुपए की ठगी की थी और लगातार रुपए मांग रहे थे।
कैसे होता है सोशल मीडिया के जरिए फ्रॉड ?
सोशल मीडिया के जरिए फ्रॉड आजकल आम हो गया है। खासकर फेसबुक फ्रॉड का सबसे बड़ा जरिया है। जिसमें लड़कियों की आईडी के जरिए ब्लैक मेलर्स पहले फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। और फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होने के बाद सबसे पहले वाट्सअप नम्बर की मांग करते हैं। उसके बाद अश्लील बाते शुरू करते हैं। बाद में न्यूड वीडियो कॉल करने के बहाने एक फ्रॉड अश्लील वीडियो तैयार कर लेते हैं और फिर ब्लैक मेलिंग शुरू करते हैं। सबसे पहले ब्लैक मेलर उसके द्वारा तैयार किया गया फ्रॉड अश्लील वीडियो जिसमें आप भी दिख रहे होते हैं। आपको भेजता है और इस बात की धमकी देता है कि ये वीडियो वह फेसबुक में उसके सभी दोस्तों को भेज देगा। इस समय यदि आप डर गए तो ब्लैक मेलिंग का सिलसिला शुरू हो जाता है। ये ब्लैक मेलर्स आपको लाखों रुपए का भी चूना लगा सकते हैं।
फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने में रखें सावधानी…
सोशल मीडिया के जरिए होने वाले ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए सबसे पहले तो महिलाओं की बिना जान पहचान की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट ही न करें। ये लड़कियों के नाम पर बनाई हुई फेक होती है जो आपको फंसा सकती है। ऐसी कोई फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट भी कर लें तो इस बात का ध्यान रखें कि फेसबुक मैसेंजर पर हेलो हाय करने के बाद आपसे सीधे वाट्सअप नम्बर मांगा जा सकता है। ज्यादातर लोगों का वाट्सअप नम्बर ही उनके बैंक अकाउंट में होता है जिसके जरिए फ्रॉड हो सकता है। दूसरा ऐसे फेक वाले बहुत जल्द ही अश्लील बाते शुरू कर देते हैं और न्यूड वीडियो कॉल करने की पेशकश करते हैं। इन्हें तत्काल ही ब्लॉक कर दें और अश्लील बाते बिल्कुल न करें।
आत्महत्या की ऐसी तफ्तीश तारीफे काबिल:-
आत्महत्या जैसे मामलों में ज्यादातर पुलिस सामान्य साक्ष्य और परिवार जनों के बयानों के आधार पर एक स्टोरी बनाकर फाइल को बंद कर देती है। कई मामलों में बता दिया जाता है कि मृतक फलां फलां कारण से परेशान था और उसी परेशानी में उसने आत्महत्या कर ली। लेकिन प्रियदर्शनी कॉलोनी में एक डीएसपी के द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में जिस तरह पुलिस ने सघन जांच और साइबर सेल के माध्यम से इस मामले की तह तक जाने का प्रयास किया यह बात काबिले तारीफ है। आम मामलों की तरह ही यदि इस मामले को भी केवल आत्महत्या का मामला मानकर फाइल बंद कर दी जाती तो कभी भी सोशल मीडिया फ्रॉड के जरिए ब्लैकमेलिंग करने वाले बेनकाब ना होते । इस मामले में पुलिस की जांच और पुलिस अधीक्षक अजय पांडे का मार्गदर्शन सराहनीय रहा। देहात थाना पुलिस की पूरी टीम और साइबर सेल की टीम ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर तीन राज्यों के कनेक्शन से आरोपियों को धर दबोचा तभी ऐसे फ्रॉड का खुलासा हो पाया।
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