गुलशन परूथी, ब्यूरो चीफ, दतिया (मप्र), NIT:

मरीज प्रीतम पाल उम्र 52 साल निवासी झाड़ियां दतिया को मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में तिल्ली का ऑपरेशन करके बचाया गया।
मरीज को 11000 वोल्ट के करेंट लगने से पेट में चोट लग गई थी। अल्ट्रासाउंड करने पर पता चला कि मरीज के तिल्ली बहुत ज्यादा फट गई हैं और उसके पेट में बहुत ज्यादा खून भर गया हैं जिससे मरीज को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी और पेट में असहनीय दर्द हो रहा था, मरीज का खून भी 16 gm से 7 gm हो गया था, मरीज को तुरंत 4 बोतल खून की व्यवस्था करने को बोला और तुरंत ऑपरेशन की तैयारी की गई, लेकिन इतनी जल्दी इतना सारा खून की व्यवस्था करना आसान नहीं था।

ऐसे में डॉ केदारनाथ आर्य और उनके टीम ने ऑटो ट्रांसफ्यूजन करने का प्लान किया जिसमें मरीज के पेट का खून मरीज को एक विशेष टेक्नीक से मरीज को चढ़ाया जाता हैं जिससे मरीज को कम खून चढ़ाने की जरूरत होती हैं और इमरजेंसी में मरीज की जान बचाई जाती है, मरीज का फटी तिल्ली निकाल कर और ऑटो ट्रांसफ्यूजन करके मरीज की जान बचाई जा सकी।
सर्जरी करने वाली टीम में डॉ केदारनाथ आर्या, डाॅ अवनीश, डाॅ. योगीराज, डाॅ. दिवाकर, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ दिव्या गौतम, डा. विनय यादव और स्टाफ़ शिवानी और आकांक्षा का सहयोग रहा। अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हैं और खतरे से बाहर है। सभी साथी चिकित्सकों ने सफल सर्जरी पर शुभकामनाएं दीं।

