रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

इंदौर-अहमदाबाद हाइवे पर झाबुआ, धार से लेकर इंदौर तक का सफर काफी मुश्किलों भरा हो गया है। रोड पर हजारों की तादाद में हुए गड्ढे वाहनों की रफ्तार को कम कर रहे हैं। जबकि वाहन चालकों से यहां अन्य टोल के मुकाबले दोगुना से ज्यादा टोल वसूला जा रहा है। अफसरों के अनुसार तेज बारिश की वजह से रोड की स्थिति खराब हो गई है। बारिश के बाद मेंटेनेंस किया जाएगा।
इसके लिए 25 करोड़ रुपए का ठेका हो गया है। धार से इंदौर यदि कोई व्यक्ति कार से सफ़र करता है तो उसे 160 रुपए जाते समय और 160 रुपए समय लौटते समय यानी दोनों मिलाकर कुल 320 रुपए टोल देना होता है। इसके बावजूद सड़क पर हजारों की संख्या में गड्डे मिल रहे हैं। जिसके कारण न तो वाहन ठीक से चल पाता है और न ही समय पर अपनी यात्रा पूरी कर पाता है। 60 किलोमीटर के सफर में कार चालक को डेढ़ घंटे का समय लग रहा है। जबकि रोड ठीक स्थिति में रहता तो यही सफर एक घंटे में पूरा किया जा सकता था।
यहां अन्य जगह के मुकाबले दोगुना टोल फिर भी वाहन चालक परेशान
गुजरात सीमा से इंदौर तक के फोरलेन रोड का महंगा टोल यात्रियों को चुकाना पड़ रहा है। इसके बावजूद सफर के लिए अच्छा रोड नहीं मिल पा रहा। पहले 155 किमी में से 139 किमी रोड बन पाया। अधूरे रोड का ही टोल शुरू किया गया। 6 साल तक अधूरे रोड का टोल देते रहे फिर भी बेहद खराब हो चुके अधूरे रोड से गुजरना पड़ता था। बचा हुआ रोड बना तो लगा कि समस्या खत्म होगी, लेकिन ऐसा पूरी तरह नहीं हो पा रहा।
इस रोड पर एक घंटे में औसतन सात सौ वाहन निकलते हैं। बड़े वाहनों से 520 रुपए टोल वसूला जाता है। चूंकि यह रोड बीओटी योजना में काफी समय पहले बनाया गया है, इसलिए यहां पर टोल की दर अन्य टोल रोड से दो गुना से भी अधिक है। जबकि इंदौर से भोपाल के बीच में सभी टोल जोड़ लिए जाएं तो करीब 160 रुपए टैक्स लगता है। जबकि इंदौर और भोपाल की दूरी करीब 200 किलोमीटर है। दूसरी और यहां 60 किलोमीटर के लिए 160 रुपए देना पड़ते हैं। यानी धार और इंदौर के बीच कार चालक को दो रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल देना पड़ रहा है।
हाईवे पर कट के कारण हादसे का खतरा हमेशा बना रहता है।
रोड पर गड्डों के अलावा कुछ लोगों ने डिवाइडर पर दर्जनों अवैध कट बना रखे हैं, जिससे वाहन उनके यहां पर पहुंच जाएं। ये कट ऐसे हैं, जो हाइवे पर वाहन चला रहे चालकों को एकदम से नजर नहीं आते हैं, जबकि इनसे अचानक वाहन क्रासिंग हो जाती है। इसके कारण हादसे का खतरा यहां हमेशा बना रहता है। खासतौर पर रात में इन कटों से बाइक सवार अचानक निकल आते हैं, जिससे कई बार हादसे की स्थिति बन जाती है। क्योंकि इन कटों पर न तो संकेतक लगे होते हैं और न ही रेडियम आदि लगा होता है, जिससे ड्राइवर को अंदाजा हो जाए।
हाइवे पर गड्डों में पानी भरा होने से वाहन चालक को गड्डों की गहराई का पता नहीं चलता
घाटाबिल्लौद ब्रिज के दोनों ओर एप्रोच रोड पर एक-एक फीट से ज्यादा गहरे और 10-20 फीट चौड़े गड्ढे हो गए हैं। इनमें छोटे वाहन तो दूर ट्रक तक के पहिए फंस जाते हैं। जिसके कारण आए दिन यहां जाम की स्थिति बनती है। जो वाहन चालक एप्रोच रोड से हाइवे पर आते हैं वे इन गड्डों के कारण काफी परेशान होते हैं। वहीं हाइवे पर गड्डों में बारिश का पानी भरा होता है, जिससे वाहन चालक को गड्डों की गहराई का पता नहीं चल पाता है और वाहनों में नुकसान हो जाता है।
25 करोड़ से होगा रोड का मेंटेनेंस, एप्रोच रोड सीसी बनेगी
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल के अनुसार बारिश के कारण रोड पर गड्डों की समस्या है। इंदौर से झाबुआ के बीच रोड के मेंटेनेंस के लिए 25 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। जिससे पूरी रोड का मेंटेनेंस होगा। वहीं घाटा बिल्लौद ब्रिज के दोनों ओर की एप्रोच रोड बार-बार बनाने के बाद भी खराब हो रही है। इस रोड को सीसी बनाया जाएगा। जिससे समस्या खत्म हो जाएगी। अवैध कट के लिए रोड का निरीक्षण कर उन्हें बंद कराया जाएगा।
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