शमसुद्दोहा, ब्यूरो चीफ, गोरखपुर (यूपी), NIT:
आंदोलन के फलस्वरुप परवान चढ़ती पुरानी पेंशन योजना बहाली की संघर्ष यात्रा लम्बे आन्दोलन और प्रधानमंत्री की लम्बी चुप्पी के बाद यूपीएस को आन्दोलन के फलस्वरूप परवान चढ़ती पुरानी पेंशन योजना बहाली की संघर्ष यात्रा बताते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष रूपेश श्रीवास्तव, अशोक पांडेय ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनजेसीए के केंद्रीय नेतृत्व से वार्ता करने के लिए सहमत हुए हैं, निश्चित ही यह कदम पुरानी पेंशन योजना बहाली के लिए सकारात्मक संदेश है और उम्मीद है कुछ न कुछ सकारात्मक हल अवश्य निकलेगा। लेकिन अभी UPS पेंशन रूपी खिड़की खुली है लेकिनOPS पेंशन रूपी दरवाजा खुलने का इंतजार है।
परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश सिंह और पंडित श्याम नारायण शुक्ल ने कहा कि सर्व प्रथम राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा वर्ष 2010 में यह मांग उठाई गई जब पुरानी पेंशन योजना बहाली की कोई कल्पना भी नहीं करता था, तबसे परिषद ने पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग उठाना शुरू किया।
महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल के अनुसार वर्ष 2013 में परिषद ने लखनऊ से लेकर जंतर मंतर दिल्ली तक जुलाई की भीषण व उमस भरी गर्मी में साइकिल यात्रा निकाली, इस साइकिल यात्रा से कर्मचारियों में एक आशा की किरण तो जागी ही साथ ही राजनीतिक दलों का ध्यान भी आकर्षित किया। इसी के परिणाम स्वरूप लखनऊ में तत्कालीन सरकार के ताकतवर कैबिनेट मंत्री राम गोविंद चौधरी ने हरी झंडी दिखाकर साइकिल यात्रा को रवाना किया व दिल्ली में तत्कालीन सरकार के सांसद जगदंबिका पाल ने ज्ञापन प्राप्त किया।
अध्यक्ष रूपेश श्रीवास्तव और पेंशनर नेता वरूण वर्मा बैरागी ने कहा कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने प्रदेश के सभी बड़े कर्मचारी संगठनों व शिक्षक संगठनों को साथ लेकर प्रदेश में जोरदार आंदोलन खड़े किए, बड़ी-बड़ी राज्य स्तरीय रैलियां की व हड़ताल भी की गई जिसके परिणाम स्वरूप एन.पी.एस योजना में अनेक सुधार हुए व सरकार ने अपना अंशदान 10 प्रतिशत से बढ़कर 14 प्रतिशत किया तथा सरकार द्वारा 1000552 करोड़ लंबित अंशदान भी जमा किया लेकिन परिषद इससे संतुष्ट नहीं थी व मूल रूप में पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर अडिग रहा।
परिषद के मीडिया प्रभारी अनूप कुमार और इजहार अली के अनुसार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव वर्ष 2022 में परिषद की पहल पर पुरानी पेंशन योजना राजनीतिक मुद्दा बनी तथा जिन राज्यों में चुनाव भी नहीं होने थे वहां विभिन्न राजनीतिक दलों की सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी। लोकसभा चुनाव से पूर्व केंद्रीय कर्मचारी संगठनों जिनका नेतृत्व कामरेड शिवगोपाल मिश्रा द्वारा किया जा रहा है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद व शिक्षक संगठनों तथा विशेष रूप से पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री विनोद राय, आदि ने साथ मिलकर जोरदार आंदोलन चलाया तथा लोकसभा चुनाव में पुरानी पेंशन योजना बहाली प्रमुख मुद्दा बन गया लोकसभा चुनाव परिणाम में पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे का असर ही था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 28 मार्च 2005 से पूर्व विज्ञप्ति पदों को पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाया गया। इतना ही नहीं अब सेवा निवृत हो चुके कार्मिकों को इसका लाभ दिए जाने का आदेश भी निर्गत कर इसका दायरा बढ़ाया है अब कह सकते हैं खिड़की खुली है दरवाजा खुलने का इंतजार है।लोकसभा चुनाव के परिणाम व देशव्यापी आंदोलन का परिणाम है कि भारत सरकार रिव्यू कमेटी बनाने के लिए बाध्य हुई और अब देश के प्रधानमंत्री संगठन से वार्ता कर हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं। यहां तक सरकार को झुका कर आदेश करने वाले शिवगोपाल मिश्रा जी और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश नेतृत्व कमश: प्रदेश अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी, महामंत्री शिव वरन यादव कार्य० अध्यक्ष एन डी दूबे अपर महामंत्री डॉ नरेश जी का हम लोग धन्यवाद ज्ञापन करते हैं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद जिले के सभी कर्मचारियों को विश्वास दिलाना चाहती है की पुरानी पेंशन योजना बहाली होने तक संघर्ष जारी रहेगा।
उत्तर प्रदेश मिनिस्ट्रीयल कलेक्टेट कर्मचारी संघ अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा महामंत्री विश्वेश शुक्ल के अनुसार कर्मचारी शिक्षकों के बिगत कई वर्षों के संघर्ष का सुखद परिणाम है कि आज केंद्र सरकार द्वारा सुनिश्चित लाभ वाली यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू की है। सरकार का गजट आने के बाद इस प्रकरण में सभी सेवा संघो को आमसभा करके अपने संवर्ग के सभी साथियों के साथ समीक्षा कर आगे की रणनीति पर विचार किया जाना चाहिए।
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