रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

हर व्यक्ति के जीवन को एक नई दिशा देने का कार्य करते हैं गुरु, फिर वो चाहे किसी भी स्वरूप में क्यों न हो। यदि हम गुरु की बात को मान लेंगे, उनकी बातों के अर्थ को जान लेंगे, तो निश्चित हमारा जीवन सफल बन जाएगा। उक्त उद्गार साध्वीजी श्री तत्वलताश्रीजी महाराज साहब ने रविवार को अपने प्रवचन में पुण्य सम्राट गुरुदेव की 91 वीं मासिक पुण्य सप्तमी के अवसर पर व्यक्त करते हुए कहे कि, जैसे हमारे जीवन में फैमिली डॉक्टर होता है, वैसे ही हमारे जीवन में फैमिली गुरु भी होना चाहिए, जो हमे समय समय पर सही मार्गदर्शन देते हुए संभालें।
गुरु वचनों की पालना करने वाला, गुरु के प्रति समर्पित रहने वाला कभी जीवन में पीछे मुड़कर नहीं देखता है। हमारे पुण्य सम्राटश्री का जीवन हमारे लिए यह प्रेरणा भी देता है, विश्व पूज्य दादा गुरुदेव के प्रति अगाध समर्पण रखते हुए अपने गुरु श्री यतींद्रसूरीजी के वचनों की अक्षरशः पालना पुण्य सम्राट ने अपने जीवन पर्यंत की, जिसके परिणाम स्वरूप वे मुनि जयंत विजयजी से पुण्य सम्राट हुए।
उक्त जानकारी देते हुए रजत कावड़िया ने बताया कि, इस ज्ञानतत्व तपोमय चातुर्मास में सामूहिक तप आराधना का दौर जारी है, जिसमें 35 सिद्धितप एवं 11 भद्रतप की आराधना चल रही है। सिद्धितप आराधकों के पारने दिनांक 9 सितंबर को संपन्न होंगे, जिसको लेकर बृहद स्तर पर श्रीसंघ द्वारा तैयारिया की जा रही है।
साथ ही कावड़िया ने बताया कि आज पूज्य साध्वीजी तत्वलताजी का 56 वां जन्मोत्सव धार्मिक और सेवा कार्यों के साथ मनाया जायेगा। कुशलगढ़, पारा, धरियावद आदि नगर से भी गुरुभक्त दर्शन वंदन हेतु पधारे।
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