रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

नगर में आयोजित ज्ञानतत्व तपोमय चातुर्मास के अंतर्गत आयोजित 9 दिवसीय नमस्कार महामंत्र आराधना का मंगलवार को समापन हुआ। समापन के अवसर पर पूज्य साध्वीजी की निश्रा में आराधना का भव्य वरघोड़ा निकाला गया जिसमें प्रथम बग्घी में भगवान और नवकार के चित्र को लेकर बैठने का लाभ, श्रीमती शिरोमणीदेवी समरथमल रूनवाल परिवार ने और दूसरी बग्घी में दादा गुरुदेव और पुण्य सम्राट के चित्र को लेकर बैठने का लाभ श्रीमती मुन्निबेन भगवानलाल बोहरा परिवार ने लिया। आराधना का वरघोड़ा नगर मुख्य के मार्गों से होता हुआ ज्ञान मंदिर पहुंचा। समाजजनों ने जगह-जगह पर परमात्मा की गहुली की।

ज्ञान मंदिर पर पूज्य साध्वीजी ने समाजजनों को संबोधित करते हुए कहा कि, हमने नवकार की आराधना की है, यदि हमने एकाग्रता से आराधना की है, तो ही हमे नवकार की प्राप्ति होगी, और यदि हमे नवकार मिल गया तो समझो सब कुछ मिल गया। नवकार के 9 पदो के 68 अक्षरों में 68544 देविया विराजित है, जो हमे नवकार की साधना से दर्शन भी दे सकती है। नवकार हमारे जीवन को कषायो से मुक्त बनाता है।
उक्त जानकारी देते हुए रजत कावड़िया ने बताया कि, आज आराधना के समापन के अवसर पर सम्पूर्ण नवकार आराधना के लाभार्थी परिवार श्रीमती शिरोमणीदेवी समरथमल रूनवाल परिवार का बहुमान, तिलक से बहुमान श्रीमती मुन्निबेन भगवानलाल बोहरा, माला से श्री सोहनलाल राहुल रूनवाल, श्रीफल से बहुमान श्री नरेन्द्र राहुल रांका एवं मोमेंटो से बहुमान श्रीमती स्नेहलता मनोहरलाल कावड़िया परिवार ने किया।
समस्त आराधकों का पारणा संपन्न हुआ, श्रीसंघ एवं लाभार्थी परिवार द्वारा आराधकों को प्रभावना भी वितरित की गई। साथ ही कावड़िया ने बताया कि, अग्निबाण समाचार पत्र के श्री किशोर चेलावत भी सपरिवार साध्वीजी के दर्शन वंदन हेतु पधारें, साथ ही इंदौर, बामनिया, करवड़, झालोद, दाहोद, आदि संघों के गुरुभक्त ने साध्वीजी के दर्शन वंदन का लाभ लिया।
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